प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने छत्तीसगढ़ में छापामार कार्रवाई की। 2161 करोड़ के कथित शराब घोटाले के मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल सहित अन्य के 14 ठिकानों पर छापा मारा गया। भिलाई और दुर्ग में पिछले 2 साल से जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर कार्रवाई की गई। ईडी का दावा है कि तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई। 11 घंटे चली तलाशी के बाद ईडी की टीम वहां से रवाना हो गई। ईडी की टीम में दोनों पिता-पुत्र से पूछताछ भी की है। हालांकि ईडी ने इसका खुलासा नहीं किया है कि क्या पूछताछ हुई। ईडी ने भूपेश बघेल के छह मोबाइल फोन भी जप्त किए हैं, अब उसे डिकोड करने की कार्रवाई की जा रही है। पता चला है कि इस छापेमारी में 33 लाख रुपए नगद मिले हैं। भूपेश बघेल ने इस पर तंज कसा है।
नोट गिनने की मशीन लाए थे, 4 साल में भी नहीं कर पाए जांच
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वो नोट गिनने की मशीन लेकर आए थे लेकिन सिर्फ 33 लाख रुपए मिले, जो बहुत बड़ी राशि नहीं है। कुल मिलाकर मुझे बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। मुझे कोई समन जारी नहीं हुआ है। जो प्रक्रिया है, हम उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि हम भाग नहीं रहे। जब-जब में प्रदेश से बाहर गया हूं, तब-तब छापा पड़ा है। 4 साल हो गए हैं और अभी तक वो जांच नहीं कर पाए। पता नहीं जांच कब पूरी होगी?
ईडी ने किया दावा, घोटाले से मिलने वाली रकम में हिस्सेदारी थी
ईडी ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि चैतन्य बघेल की शराब घोटाले से मिलने वाली रकम में हिस्सेदारी थी। शराब की अवैध वसूली से अर्जित आय विभिन्न स्रोतों के माध्यम से चैतन्य को मिलती थी। इससे विभिन्न चल अचल संपत्तियों के निर्माण और खरीदी करने की जानकारी मिली है।