देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम हुए कार धमाके को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी ने अंजाम दिया था, जिसकी धमाके में मौत हो गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है, जो इसे एक आतंकी कृत्य माने जाने का स्पष्ट संकेत है।
जांच में मुख्य खुलासे
- मृतक हमलावर की पहचान डॉ. उमर नबी के रूप में हुई है, जो फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर था। शव क्षत-विक्षत होने के कारण पहचान के लिए उसकी मां का डीएनए सैंपल लिया गया है।
- पुलिस के अनुसार, इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का हाथ है, जिसका विस्तार कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक है।
- विस्फोटक और कारतूस:
- जांच एजेंसियों को मौके से दो कारतूस और दो तरह के विस्फोटकों के नमूने मिले हैं।
- एक विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट प्रतीत होता है, जबकि दूसरा उससे ज्यादा घातक बताया जा रहा है।
- बम पूरी तरह तैयार नहीं था और आईईडी का इस्तेमाल नहीं हुआ था। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि बम पूरी तरह से विकसित नहीं था, और धमाके से कोई गड्ढा भी नहीं हुआ, जो इसे आत्मघाती हमला न मानने का एक तर्क है।
- बड़ी साजिश नाकाम:
- एजेंसियों का मानना है कि कार में मौजूद विस्फोटक का अगर ठोस साजिश के अनुसार इस्तेमाल होता, तो नुकसान बहुत बड़ा होता। सुरक्षा एजेंसियों की समन्वित कार्रवाई से यह बड़ी साजिश टल गई।
- गिरफ्तारियां:
- उमर को कार (I 20) देने वाले पुलवामा के तारिक को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, उमर के पिता, दो भाई, दोस्त सज्जाद और अल फलाह विश्वविद्यालय से कुछ सहकर्मी डॉक्टर हिरासत में लिए गए हैं। कश्मीर में भी चार लोगों को हिरासत में लिया गया है।
कार का रूट और घटना की आशंका
- सीसीटीवी फुटेज में एक नकाबपोश कार चलाता दिखा, जिसकी पहचान उमर के रूप में हुई है।
- उमर कार में अकेला सवार था और उसने करीब तीन घंटे सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में बिताए, जहां वह अपने साथियों की गिरफ्तारी की खबरें देख रहा था। जांच एजेंसियों ने कार के 11 घंटे के रूट की पहचान की है।
- एजेंसियां इसे आत्मघाती हमला नहीं मान रही हैं। आशंका है कि गिरफ्तारी के डर से भागते समय बौखलाहट और घबराहट में विस्फोट हुआ।
जैश की महिला शाखा और भर्ती
- सफेदपोश आतंकी नेटवर्क के खिलाफ अभियान में गिरफ्तार डॉ. शाहीन सईद, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े संगठन जमात-उल-मोमिनात की सदस्य थी।
- माना जाता है कि शाहीन भारत में जैश की महिला भर्ती शाखा से जुड़ी थी और उसे संगठन में महिलाओं, विशेषकर छात्राओं की भर्ती का निर्देश मिला था।
- दिल्ली पुलिस ने यूएपीए और विस्फोटक अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है।
दिल्ली सरकार की सहायता
दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख और घायलों को उनकी चोट की गंभीरता के आधार पर ₹20 हजार से ₹5 लाख तक की सहायता राशि देने की घोषणा की है।


