तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता दलाई लामा 6 जुलाई को अपना 90वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। इस अवसर पर उनके उत्तराधिकारी के संबंध में महत्वपूर्ण घोषणाओं की संभावना है, जिससे चीन को “मिर्ची” लग गई है। दलाई लामा ने बुधवार को एक बयान जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके उत्तराधिकारी का चयन उनके द्वारा स्थापित ‘गादेन फोडरंग ट्रस्ट’ ही करेगा, और इसमें किसी अन्य को हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं होगा। यह बयान चीन के उन मंसूबों पर पानी फेरता है, जो दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन में अपनी भूमिका निभाना चाहता है।
दलाई लामा ने अपने 2011 के बयान को फिर से दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि दलाई लामा की 600 साल पुरानी परंपरा जारी रहेगी और भावी दलाई लामा को पहचानने की जिम्मेदारी ‘गादेन फोडरंग ट्रस्ट’ के सदस्यों की होगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसी को भी इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। यह चीन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वह तिब्बती बौद्ध धर्म का “चीनीकरण” करना चाहता है और अपने हिसाब से अगले दलाई लामा को चुनना चाहता है, जैसा उसने 1995 में 11वें पंचेन लामा के साथ किया था।
दलाई लामा ने अपनी नई किताब ‘वॉयस फॉर द वॉयसलेस’ में भी यह संकेत दिया है कि उनका उत्तराधिकारी चीन से बाहर, आजाद दुनिया का होना चाहिए। इस बात से चीन की बौखलाहट और बढ़ गई है। तिब्बती सरकार-इन-एग्जाइल के स्पीकर खेनपो सोनम तेनफेल पहले ही कह चुके हैं कि तिब्बती किसी भी स्थिति में केवल दलाई लामा द्वारा बताए गए उत्तराधिकारी को ही स्वीकार करेंगे।
6 जुलाई को दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर धर्मशाला में विशेष धार्मिक सभाएं होंगी, जिसमें दुनिया भर से 300 से अधिक गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। इस दौरान दलाई लामा अपने उत्तराधिकार के संबंध में और स्पष्टीकरण दे सकते हैं, जिससे चीन और तिब्बती समुदाय के बीच तनाव और बढ़ सकता है। यह कदम तिब्बती परंपरा और पहचान को बाहरी हस्तक्षेप से बचाने का एक मजबूत प्रयास माना जा रहा है।