लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी विभिन्न समस्याओं और अधिकारों को लेकर विस्तृत चर्चा की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब देश में आदिवासी अधिकारों और उनके सशक्तिकरण का मुद्दा लगातार राजनीतिक विमर्श के केंद्र में बना हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी के आवास पर हुई इस बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से आए आदिवासी समुदाय के नेताओं, कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया। प्रतिनिधियों ने राहुल गांधी को अपनी प्रमुख चिंताओं से अवगत कराया, जिनमें वन अधिकार कानून (FRA) के प्रभावी क्रियान्वयन में आने वाली बाधाएं, विस्थापन, आजीविका के साधन छिनना, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच की कमी, और भूमि संबंधी विवाद शामिल थे।
बैठक के दौरान, राहुल गांधी ने आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से आदिवासी समाज के अधिकारों की संरक्षक रही है और उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं को संसद में प्रमुखता से उठाया जाएगा और सरकार पर दबाव बनाया जाएगा ताकि आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित किया जा सके।
राहुल गांधी ने यह भी जोर दिया कि आदिवासी समाज को जल, जंगल और जमीन पर उनका पारंपरिक अधिकार मिलना चाहिए और उन्हें विकास की प्रक्रिया में समान भागीदार बनाना अत्यंत आवश्यक है। इस मुलाकात को कांग्रेस पार्टी द्वारा आदिवासी वोट बैंक को साधने और आगामी चुनावों से पहले समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।