तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी सीएम बना दिया है। डीएमके सरकार में मंत्री और वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें बधाई दी है, तो बीजेपी भडक़ी हुई है। भाजपा नेताओं का कहना है कि वे मंत्री बनने लायक नहीं हैं। सिर्फ सीएम के बेटे होने के कारण उनके डिप्टी सीएम बना दिया गया है। उदयनिधि पिछले दिनों भडक़ाऊ बयान देने के कारण चर्चाओं में आए थे। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से की थी।
ये पार्टी नहीं है ये परिवारिक कंपनी है : शहजात
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाल ने कहा कि ये पार्टी नहीं है ये परिवारिक कंपनी है। पहले परिवार पर चलती है, देश से कोई मतलब नहीं है। ये पार्टी परिवार की, परिवार के लिए और परिवार द्वारा है। इसलिए अपने बेटा और बेटी को ही आगे करना है। परिवार और भ्रष्टाचार पार्टी की यही पिलर है। सोनिया गांधी राहुल को चाहती हैं, लालू यादव तेजस्वी को चाहते हैं, शरद पवार सुप्रिया को चाहते हैं, एमके स्टालिन उदयनिधि को चाहते हैं, मुलायम सिंह अखिलेश को चाहते हैं। इन्हें देश के बेटा और बेटी से कोई मतलब नहीं है। इसके लिए चिंता केवल मोदी करते हैं। इन्हें सिर्फ अपने बेटा और बेटी की चिंता है।
उदयनिधि में पर्याप्त मैच्योरिटी नहीं : तिरुपति
भाजपा नेता नारायणन तिरुपति ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन के पास उपमुख्यमंत्री ही नहीं, बल्कि मंत्री बनने के लिए भी पर्याप्त मैच्योरिटी नहीं है। एक व्यक्ति अपमानजनक, नीचा दिखाने वाला मंत्री बन गया। उसने इसके लिए माफी नहीं मांगी, वह उप मुख्यमंत्री कैसे बन सकता है? तमिलनाडु सरकार को शर्म आनी चाहिए।
यह लोकतंत्र है या वंशवाद : सुदरराजन
भाजपा नेता तमिलसाई सुंदरराजन ने कहा कि वे तमिलनाडु के लोगों और गठबंधन सहयोगियों को प्रभावित कर रहे और भडक़ा रहे हैं। स्टालिन ने अपने नेताओं को मजबूर किया कि उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। मैं पूछना चाहती हूं कि यह लोकतंत्र है या वंशवाद है। यह गलत उदाहरण है, ऐसा होना तमिलनाडु की राजनीति में अच्छी बात नहीं है।