‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए सैन्य टकराव को लेकर भारतीय सेना के उप प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने एक सनसनीखेज बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि इस संघर्ष के दौरान चीन, पाकिस्तान को दिए गए अपने हथियारों और सैन्य प्रणालियों का परीक्षण कर रहा था। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह के इस बयान ने क्षेत्रीय भू-राजनीति में चीन की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने देखा कि पाकिस्तान ने कुछ ऐसी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया, जिनकी उम्मीद नहीं थी। हमारे विश्लेषण से पता चला कि चीन, पाकिस्तान को न केवल अत्याधुनिक हथियार प्रणाली उपलब्ध करा रहा था, बल्कि इस संघर्ष का उपयोग अपने हथियारों की वास्तविक युद्ध स्थितियों में प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए एक परीक्षण मैदान के रूप में भी कर रहा था।”
उन्होंने आगे कहा कि चीन लगातार अपने रक्षा उत्पादन में वृद्धि कर रहा है और आधुनिक सैन्य तकनीक पर भारी निवेश कर रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह के अनुसार, “यह संभावना है कि उन्होंने (चीन ने) पाकिस्तान को दी गई सैन्य सहायता के बहाने, अपनी मिसाइलों, ड्रोन और अन्य सैन्य उपकरणों की कार्यक्षमता और सटीकता का परीक्षण किया हो।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम हुआ है, लेकिन चीन के साथ भारत का सीमा विवाद और गहराता जा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह और उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भी हाल ही में स्वीकार किया था कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कई एयरबेस पर हमला किया था।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह के इस बयान से चीन के दोहरे रवैये पर रोशनी पड़ती है, जहां एक ओर वह वैश्विक शांति की बात करता है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय संघर्षों में परोक्ष रूप से शामिल होने का आरोप लग रहा है। इस खुलासे के बाद भारत की रणनीतिक योजना में चीन की इस भूमिका पर विशेष ध्यान दिए जाने की संभावना है।