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    छावा यानि शेर का बच्चा.. 120 युद्ध लड़े, ऐसी है फिल्म की कहानी

    विक्की कौशल की फिल्म छावा 14 फरवरी को रिलीज होने वाली है। अभी तक देशभर में छत्रपति शिवाजी महाराज को अप्रतिम योद्धा के रूप में जाना जाता रहा है, जो कभी मुगलों से हारे नहीं और कई युद्ध लडक़र औरंगजेब को परेशान करते रहे। अब उनके पुत्र संभाजी की कहानी भी सामने आ रही है। दरअसल छावा फिल्म शिवाजी सावंत के मराठी उपन्यास छावा पर आधारित है। इसमें रश्मिका मंदाना हैं तो अक्षय खन्ना औरंगजेब के रोल में हैं।

    ऐसे ही है महाराज संभाजी की कहानी

    शिवाजी सावंत की उपन्यास छावा एक ऐतिहासिक दस्तावेज है जिसमें शिवाजी महाराज के पुत्र महाराज संभाजी के जीवन संघर्ष का अद्भुत एवं रोमांचक चित्रण है। छावा का मराठी हिंदी में अर्थ होता है शेर का बच्चा। इस फिल्म में शिवाजी महाराज के सबसे बड़े बेटे संभाजी को छावा कहा गया है। स्वभाव से क्रोधी और अभिमाी संभाजी अत्यंत पराक्रमी थे। संभाजी ने 9 साल के अल्प शासन काल में 120 युद्ध लड़े और इन सभी युद्धों में अपराजेय रहे। अपने स्वभाव के लिए विख्यात संभाजी ने 14 वर्ष की उम्र में ही कई संस्कृत ग्रंथ लिखकर बुद्धि कौशल का परिचय दिया था। उनका चित्रण इतिहासकार और साहित्यकारों ने अपने-अपने तरीके से किया है। कुछ ने उन्हें गुस्सैल और विलासी बताया है तो कुछ ने बहादुर और देशभक्त बताया है। सावंत ने उपन्यास में बताया है कि 9 साल की उम्र में वे अपने पिता शिवाजी महाराज के साथ आगरा जाते हैं। आगरा में छत्रपति शिवाजी के साथ संभाजी को भी कैद कर लिया जाता है। ऐसे कई वीर गाथाएं हैं जिनमें उन्हें नायक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। एक बार तो उन्होंने 5 मोर्चों पर एक साथ दुश्मनों से युद्ध किया था। बहरहाल उनके इस युद्ध कौशल को देखने के लिए आपको 14 फरवरी तक का इंतजार करना होगा।

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