लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भाजपा जहां राममंदिर के सहारे पूरे देश को धर्ममय कर देना चाहती है तो कांग्रेस भी न्याय यात्रा के जरिए हवा पलटने की कोशिश में जुटी हुई है। भाजपा का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं तो कांग्रेस मल्लिकार्जुन के नेतृत्व में राहुल गांधी के चेहरे को चमकाने में लगी हुई है। इस बार भाजपा ने 400 पार का नारा दिया है तो उसे हकीकत में पूरा करने की तैयारी भी कर ली है। देश में हुए धर्ममय माहौल और 3 विधानसभा चुनाव में जीत के बूत भाजपा यह लक्ष्य पाना चाहती है। ऐसे में उसका यही प्रयास है कि राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से उपजे माहौल को वह आगे भी जारी रखे। इसके साथ ही भाजपा का जोर वेलफेयर स्कीम के लाभार्थियों और पहली बार वोटर बने युवाओं पर भी है। पीएम मोदी खुद यह कह चुके हैं इन दो वर्गों पर पार्टी फोकस करेगी। भाजपा का नेतृत्व हर मीटिंग में यह बता रहा है कि कार्यकर्ताओं को इन दो वर्गों को अपनी तरफ मोडऩा है।
कांग्रेस हर कुर्बानी देने को तैयार
कांग्रेस भी गठबंधन के सहारे भाजपा को रोकने के प्रयास में है। उसकी प्राथमिकता भाजपा को 200 से कम सीटों पर रोकने की है, ताकि सरकार न बन पाए। कांग्रेस यह प्रयास करेगी कि इंडिया गठबंधन को 270 सीटें मिल जाएं, ताकि किसी तरह जोड़-तोड़ कर सरकार बनाई जा सके। इसके लिए कांग्रेस ने ब्लूप्रिंट बना लिया है। वह कई राज्यों में 150 से 170 सीटों की कुर्बानी देने के लिए भी तैयार है। उप्र, मप्र, बिहार, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कांग्रेस सीटों की कुर्बानी देने और सहयोगी दलों के सामने झुकने के लिए तैयार है। कांग्रेस ऐसा इसलिए कर रही है, ताकि वोटों का बंटवारा न हो। कांग्रेस का मानना है कि भाजपा का अपना वोट है, लेकिन विपक्षी दलों का वोट बंट जाता है, जिसका खामियाजा उसे उठाना पड़ता है। कांग्रेस ने पिछले चुनाव में 430 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 52 पर ही जीत मिली थी।
भाजपा का नारा-इस बार 400 पार, कांग्रेस 200 पर रोकने को तैयार
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