भाजपा ने 400 पार का नारा दिया था, लेकिन देश की जनता ने उसे पूर्ण बहुमत तक नहीं दिया और 240 सीटों पर रोक दिया। अब भले ही एनडीए 290 के पार हो लेकिन वो धमक देखने को नहीं मिली। जीतकर भी भाजपा हार गई है और कांग्रेस को हार में भी जीत नजर आ रही है। कांग्रेस को भले ही 99 सीट मिली हों, लेकिन उसे भाजपा के अकेले बहुमत नहीं पाने की खुशी है। बहरहाल जब कल शाम मोदी कार्यकर्ताओं का आभार जताने पहुंचे तो उनका भाषण बेहद नपा-तुला रहा। वो अपनी उपलब्धियां बताते रहे तो आने वाले समय में कैसे देश को बढ़ाना है, उस पर फोकस किया। उन्होंने विपक्ष पर तीखे तंज नहीं कसे और नपी-तुली भाषा में अपना भाषण देकर कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने का प्रयास किया।
विरोधी भी नहीं जीत पाए इतनी सीटें
पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा ने अकेले दम पर इतनी सीटें जीती हैं, जितने सभी विरोधी भी मिलकर नहीं जीत पाए। तीसरे कार्यकाल में हमारा देश कई बड़े फैसलों का एक नया अध्याय लिखेगा। ये मोदी की गारंटी है। तीसरे कार्यकाल पर पूरा जोर भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने पर रहेगा।
ओडिशा की जीत फीकी पड़ी
ओडिशा में भाजपा की शानदार जीत हुई और यहां उसे 78 सीटें मिलीं, जो स्पष्ट बहुमत है। लेकिन केंद्र में हार से भाजपा की यह खुशी भी फीकी पड़ गई। पहली बार भाजपा ओडिशा में सरकार बनाने जा रही है, लेकिन उसकी खुशी दिल्ली में नहीं दिख रही। हालांकि पीएम मोदी ने जरूर कहा कि भगवान जगन्नाथ की नगरी में पहली बार भाजपा जीती है।