संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होने वाला है। इसी के साथ भाजपा को आस है कि यह सत्र शांतिपूर्वक संचालित होगा और वह अपने एजेंडे पर आगे बढ़ेगी, लेकिन विपक्ष ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि वह नए और पुराने मुद्दे उठाएगी और सरकार को घेरेगी। संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें दोनों पक्षों ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए।
बजट सत्र फलदायी होगा : रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक पर कहा कि हमने सभी के बयान, टिप्पणियां नोट की हैं। हमने सभी दलों से अपील की है कि यह साल का पहला संसद सत्र है। इसलिए इसकी शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी। 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा, फिर 1 फरवरी को 2025 का बजट पेश किया जाएगा। रिजिजू ने कहा कि बजट के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होगी और फिर बजट पर चर्चा होगी। 5 फरवरी को दिल्ली में चुनाव हैं, इसलिए उस दिन संसद नहीं चलेगी। बजट सत्र का पहला भाग 13 तारीख तक चलेगा और फिर हम 10 मार्च को मिलेंगे। रिजिजू ने कहा कि हमें उम्मीद है कि बजट सत्र फलदायी होगा और हमें इसमें सभी दलों से सहयोग और समन्वय मिलेगा।
कांग्रेस ने बताया, इन मुद्दों को उठाएंगे
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने चिंता जताई कि भाजपा सरकार एक के बाद एक संवैधानिक मूल्यों और परंपराओं की हत्या कर रही है। महाकुंभ मेले में जिस तरह से हादसा हुआ, उस पर हमने चिंता जताई। अब देश की आजादी की तारीख भी सत्ताधारी दल से जुड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख द्वारा बदली जा रही है। हमने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किए जाने पर भी चिंता जताई। गांधीजी की हत्या आज ही के दिन हुई थी लेकिन यह सरकार हर दिन उनकी हत्या कर रही है और गोडसे के सिद्धांतों को बढ़ावा दे रही है। वक्फ बोर्ड की बैठक ऐसे हुई, जैसे सारे फैसले पहले से लिखे हुए हों। अभी एक राष्ट्र-एक चुनाव के लिए जो समिति बनी है, जानबूझकर उसमें विपक्ष के 2 सदस्य कम और सत्ता पक्ष के 2 सदस्य ज्यादा हैं, जिससे ऐसा लग रहा है कि सारी तैयारी पहले से ही है। प्रमोदी तिवारी ने कहा कि हमने इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे सरकार आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह से विफल रही है। सरकार को मणिपुर की कोई चिंता नहीं है।