राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने स्पष्ट किया है कि RSS अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से निपटने के तरीके के बारे में भारत सरकार को कोई सलाह नहीं देगा। उनका कहना है कि सरकार जो भी फैसला लेगी, संघ उसका पूरा समर्थन करेगा। यह बयान भारत-अमेरिका के रिश्तों और सरकार की विदेश नीति को लेकर चल रही चर्चा के बीच आया है।
भागवत ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह किसी के दबाव में नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अपनी नीतियों को स्वतंत्र रूप से तय करना चाहिए, भले ही अंतरराष्ट्रीय दबाव हो। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया, जिसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मोहन भागवत ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को दुनिया के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने चाहिए, लेकिन अपनी शर्तों पर। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है और उसका लक्ष्य सभी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद है।
कुल मिलाकर, भागवत ने संघ की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि वे सरकार की विदेश नीति में सीधे तौर पर हस्तक्षेप नहीं करेंगे, लेकिन राष्ट्रहित में लिए गए हर निर्णय का समर्थन करेंगे।