एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम सामने आ रहा है। अंदेशा है कि सलमान खान से करीबी के कारण बाबा सिद्दीकी की हत्या हुई है। दरअसल बिश्नोई गैंग सलमान के करीबियों को अपना दुश्मन मानती है। सूत्र बताते हैं कि आरोपियों ने बिश्नोइ्र गैंग से जुड़े होने का दावा किया है। वहीं विपक्ष ने एनडीए सरकार पर सवाल उठाए हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति को बेहद खराब करार दिया है।
आर्थिक राजधानी में ऐसी घटना दुर्भाग्यपूर्ण : मलूक नागर
आरएलडी नेता मलूक नागर ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। देश की आर्थिक राजधानी में देश के सभी बड़े उद्योगपति, राजनीतिक हस्तियों के साथ-साथ फिल्मी हस्तियां भी रहती हैं वहां ऐसी घटना होना बड़ी बात है। मुझे पूरी उम्मीद है कि सरकार इतनी संवेदनशील है कि इस घटना में लिप्त गुनहगारों को दो-तीन में पकडक़र कड़ी सजा देगी। कोई न कोई ऐसा तोड़ निकाला जाएगा जिससे इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई : प्रियंका
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि बाबा सिद्दकी काफी सम्मानित नेता थे। राजनीति के अलावा उनके सभी लोगों से अच्छे संबंध थे। ये घटना दिखाती है कि महाराष्ट्र में हमारी कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होंने 15 दिन पहले कहा था कि उन्हें धमकियां दी जा रही है। उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा भी दी गई थी लेकिन फिर भी इतना बड़ी विफलता, वो भी बांद्रा जैसे क्षेत्र में उनकी हत्या हो जाना कानून-व्यवस्था की नाकामी को दिखाता है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रियंका ने कहा कि आखिर क्या हो गया है हमारी मुंबई पुलिस को? जो दुनिया भर में मानी जाती है। सरकार ने महाराष्ट्र को उस जगह लाकर छोड़ दिया, जहां न तो कानून-व्यवस्था है और न ही न्याय व्यवस्था है, केवल और केवल लूट हो रही है।
हत्या क्यों हुई और किसने की : निकम
जाने-माने अधिवक्ता व भाजपा सांसद उज्ज्वल निकम ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मुंबई में कई सालों से किसी भी राजनीतिक नेता की हत्या नहीं हुई थी। बड़ा सवाल यह है कि हत्या क्यों हुई और किसने की? ऐसा लगता है कि 10 से 15 दिन पहले बाबा सिद्दीकी को धमकियां दी गई थीं और इसलिए पुलिस ने उन्हें सुरक्षा दी थी। मुझे नहीं पता कि उन धमकियों का घटना से कोई संबंध है या नहीं। मुझे यकीन है कि मुंबई क्राइम ब्रांच जरूर पता लगाएगी। मुझे नहीं लगता कि इसमें राज्य मशीनरी की कोई विफलता है।