जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान की सेना में एक अजीब सी बेचैनी और डर का माहौल देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तानी सेना को भारत की ओर से बालाकोट जैसी एक और सर्जिकल स्ट्राइक का डर सता रहा है। दरअसल फरवरी 2019 में, पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया था। इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को बुरी तरह से चौंका दिया था और उसकी सैन्य प्रतिष्ठान की कमजोरियां उजागर कर दी थीं। अब पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले में कई निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई।
पीएम वापस लौटे तो पाकिस्तान की सिट्टी-पिट्टी गुम
इस हमले ने भारत में एक बार फिर से कड़ा रुख अपनाने की मांग को तेज कर दिया है। कई रक्षा विशेषज्ञों और रणनीतिकारों का मानना है कि भारत को इस बार और भी प्रतिक्रिया देनी चाहिए, ताकि पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रायोजित करने की कीमत का एहसास हो सके। जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी अपना सऊदी अरब का दौरा बीच में छोडक़र आ गए हैं, उससे पाकिस्तान का डर बढ़ गया है कि भारत कोई कड़ा कदम उठाएगा।
पाकिस्तानी सेना की बेचैनी के संकेत
मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों में कुछ असामान्य बदलाव देखे गए हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है और खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तानी वायुसेना अपने हवाई क्षेत्र में गश्त बढ़ा रही है। इन गतिविधियों को बालाकोट जैसी किसी भी संभावित भारतीय कार्रवाई से बचने की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। पाकिस्तानी सेना को यह डर सता रहा है कि भारत इस बार और भी अचूक और प्रभावी हमला कर सकता है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
भारत पर दबाव, बड़े देश साथ में
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार पर पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भारी दबाव है। जनता और विपक्षी दल सरकार से आतंकवाद के मुद्दे पर निर्णायक रुख अपनाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में अगर भारत कोई सैन्य कार्रवाई करता है, तो उसका निशाना पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकाने ही होंगे। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। पाकिस्तानी सेना बालाकोट में हुए अप्रत्याशित हमले के अनुभव से सबक लेते हुए, इस बार किसी भी भारतीय कार्रवाई के लिए तैयार रहने की कोशिश कर रही है। हालांकि यह देखना होगा कि भारत इस बार क्या कदम उठाता है और क्या पाकिस्तान वास्तव में अपनी हरकतों से बाज आता है। फिलहाल पाकिस्तानी सेना के भीतर बालाकोट 2.0 का डर साफ तौर पर महसूस किया जा रहा है। अमेरिका और रूस ने भी भारत का समर्थन किया है, जिससे पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है।