उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ 2025 के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर मुमकिन प्रबंध कर रही हैं। राज्य सरकार ने बसों के बेड़ों के साथ ही सार्वजनिक यातायात की व्यवस्थाएं करनी शुरू कर दी हैं। रेलवे ने 1800 स्पेशल ट्रेनों को चलाने का प्रबंध कर लिया है। साल के अंत तक रेलवे अपनी तैयारियां पूरी कर लेगी और देशभर से स्पेशल ट्रेनों का चलना शुरू हो जाएगा। रेलवे के मुताबिक इन स्पेशल ट्रेनों से प्रयागराज, काशी के साथ ही श्रद्धालुओं को अयोध्या भी पहुंचाया जाएगा। यानि कि श्रद्धालु प्रयागराज आने के बाद काशी में बाबा विश्वनाथ और अयोध्या में रामलला के दर्शन भी कर सकेंगे। इससे उप्र पर्यटन को विकास के नए पंख लगेंगे और पूरे 45 दिन तक धर्म की बयार बहेगी।
रेलवे ने शुरू की तैयारियां
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल इसकी पूरी तैयारियां करने में जुट गया है। ट्रेनों का अच्छे से संचालन किया जा सके, इसके लिए रनिंग कर्मचारियों की एक लिस्ट तैयार कर ली है। रेलवे अफसर मानकर चल रहे हैं कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु काशी और अयोध्या भी जाना चाहते हैं। काशी में बाबा विश्वनाथ कॉरीडोर और अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर देखने की तमन्ना हर किसी को है। इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल द्वारा तैयारियां की जा रही हैं। इससे पहले जब भी महाकुंभ हुए, तब अधिकतर श्रद्धालु वाराणसी जाकर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के दर्शन करते हैं। वे पूजन और गंगा आरती में शामिल होते हैं। ऐसे में सडक़, रेल मार्ग के माध्यम से श्रद्धालुओं का आगमन होता है।
ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी
प्रयागराज, काशी और अयोध्या के बीच के रूट में ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी करने की योजना है। लखनऊ और प्रयागराज रूट की महाकाल एक्सप्रेस में जनरल कोच बढ़ाए जाएंगे। काशी महाकाल एक्सप्रेस को रविवार के दिन प्रयागराज होते संचालित किया जाएगा। इसके साथ ही चार जनरल कोच जोडऩे के बाद इस ट्रेन में कोच की संख्या 20 होगी। मप्र के उज्जैन जाने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस में बिना आरक्षण के यात्रा कर सकेंगे। पहली बार इस ट्रेन में रेलवे जनरल श्रेणी के चार कोच लगा रहा है। यह ट्रेन (20143) हर मंगलवार को और हर गुरुवार को वाराणसी से चलकर लखनऊ होते हुए इंदौर जाती है और रविवार को यही ट्रेन (20415) प्रयागराज से होकर उज्जैन से इंदौर के लिए संचालित होती है।