प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर जापान पहुंचे हैं। यह यात्रा जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के निमंत्रण पर हो रही है और इसका मुख्य उद्देश्य भारत-जापान विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करना है। यह लगभग सात साल बाद मोदी का जापान का पहला द्विपक्षीय दौरा है, हालांकि इससे पहले वह विभिन्न शिखर सम्मेलनों में जापान का दौरा कर चुके हैं।
एजेंडे में क्या है? पीएम मोदी का यह दौरा भारत और जापान के बीच संबंधों को ‘अगले चरण’ में ले जाने पर केंद्रित है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
- व्यापार और निवेश: दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी संबंधों को गहरा करना मुख्य एजेंडे में है। खासकर सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), स्वच्छ ऊर्जा और ऑटो सेक्टर जैसे क्षेत्रों में बड़े निवेश और सहयोग की उम्मीद है।
- बुलेट ट्रेन परियोजना: मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना, जिसमें जापान अहम भूमिका निभा रहा है, पर भी चर्चा होगी। पीएम मोदी सेंडाई में तोहोकु शिंकानसेन प्लांट का दौरा कर सकते हैं, जहां बुलेट ट्रेन के कोच बनाए जाते हैं।
- रक्षा और सुरक्षा: भारत और जापान के बीच रक्षा और सुरक्षा साझेदारी, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच ‘डिक्लेरेशन ऑन सिक्योरिटी को-ऑपरेशन (2008)’ समझौते को नया रूप देने की संभावना है, जिससे संयुक्त अभ्यास और तकनीक के हस्तांतरण को बढ़ावा मिलेगा। क्वाड समूह के संदर्भ में भी सुरक्षा सहयोग पर चर्चा होगी।
- तकनीकी सहयोग: दोनों देश डिजिटल सहयोग, एआई और सेमीकंडक्टर जैसे उभरते क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ावा देंगे।
अहम करार और घोषणाएं माना जा रहा है कि इस दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण करार किए जा सकते हैं। भारत और जापान के बीच रक्षा क्षेत्र में संयुक्त अभ्यास, नीतिगत सलाह और तकनीक के हस्तांतरण को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी एक संयुक्त बयान जारी होने की उम्मीद है। इसके अलावा, एक नई मोबिलिटी पार्टनरशिप की भी शुरुआत हो सकती है।