पाकिस्तान पहले से ही भारत से पानी के मुद्दे पर तनाव का सामना कर रहा है, अब अफगानिस्तान से भी पानी की आपूर्ति में संभावित कटौती की आशंका का सामना कर रहा है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कथित तौर पर पाकिस्तान की ओर बहने वाली कुछ प्रमुख नदियों के पानी को रोकने की योजना बनाई है। स्थानीय मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, तालिबान सरकार ने विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए इन नदियों के पानी का उपयोग करने का निर्णय लिया है। हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में इस खबर ने चिंता की लहर पैदा कर दी है।
पाकिस्तान पर छाएगा दोहरा संकट
यह घटनाक्रम पाकिस्तान के लिए एक और बड़ी चुनौती लेकर आया है। सरकार को अब न केवल भारत के साथ जल विवाद को सुलझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज करने होंगे, बल्कि अफगानिस्तान के साथ भी बातचीत कर इस संभावित संकट का समाधान निकालना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और प्रभावी जल प्रबंधन नीतियों को लागू करने की आवश्यकता है।
पाकिस्तान के लिए चिंता के कारण
- पहले से ही जल संकट : पाकिस्तान पहले से ही गंभीर जल संकट से जूझ रहा है। जलवायु परिवर्तन और जल प्रबंधन की कमियों के कारण देश में पानी की उपलब्धता लगातार घट रही है।
- कृषि पर प्रभाव : पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति में किसी भी तरह की कटौती से कृषि उत्पादन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे खाद्य सुरक्षा की समस्या और बढ़ सकती है।
- बिजली उत्पादन : कई पनबिजली परियोजनाएं इन नदियों पर निर्भर हैं। पानी की कमी से बिजली उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है, जिससे ऊर्जा संकट गहरा सकता है।
- क्षेत्रीय तनाव : पानी के मुद्दे पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बढऩे की संभावना है, जो पहले से ही सीमा विवाद और आतंकवाद जैसे मुद्दों से जूझ रहे हैं।