भारतीय क्रिकेट टीम ने दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब जीत लिया और न्यूजीलैंड को फाइनल में चार विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही हर देशवासी खुशी से झूम उठा, लेकिन हर जगह ऐसा नहीं था। मध्यप्रदेश के महू में तो जीत के जश्न ने सांप्रदायिक रूप ले लिया और आगजनी, तोडफ़ोड़ तक हो गई। तेलंगाना के करीमनगर में पुलिस ने सांप्रदायिक कारणों का हवाला देते हुए भारत की जीत का जश्न मनाने से रोक दिया। पुलिस का यह रवैया अब सवालों के घेरे में है। लोग पूछ रहे हैं कि देश की जीत का जश्न मनाना कब से सांप्रदायिक मुद्दा बन गया? क्या यह भारत है या यह पाकिस्तान बन गया है? क्रिकेट हमारा गौरव है। भारत हमारा गौरव है। धार्मिक आधार पर जश्न मनाना बंद करें
जीत के जुलूस के दौरान विवाद, चले पत्थर और पेट्रोल बम
मप्र के महू में जीत के जुलूस के दौरान दो समुदायों में विवाद हो गया। शहर के जामा मस्जिद मार्ग, पत्ती बाजार, सहित अन्य क्षेत्रों में जमकर पथराव हुआ। भीड़ ने गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ कसरतर हुए पेट्रोल बम भी चलाये। साथ ही गाडिय़ों में भी आग लगा दी। दरअसल जीत का यह जुलूस शहर के जामा मस्जिद मार्ग से होते हुए गुजरा। कुछ ही देर में जामा मस्जिद पर विवाद हो गया जिसके बाबद बड़ी संख्या में वर्ग विशेष के लोग जमा हो गए और धरना देने लगे। कुछ देर में भीड़ आमने-सामने हो गई और जमकर पत्थर चलने लगे। शहर के पत्ती बाजार, मार्किट चौक, माणक चौक, सब्जी मार्केट, गफ्फार होटल, कनाट रोड पर पथराव हुआ। भीड़ ने वहां मौजूद गाडिय़ों में भी तोडफ़ोड़ कर दी। जामा मस्जिद मार्ग पर पेट्रोल बम फेंके और तीन दुकानों में आग लगा दी। करीब आधा दर्जन गाडिय़ों में भी आग लगा दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।