अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आज है और यह दिन कई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है। 20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका और यूरोप में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू किए थे। उन्होंने बेहतर काम की परिस्थितियों, उचित वेतन और मतदान के अधिकार की मांग की। 1908 में, न्यूयॉर्क शहर में लगभग 15,000 महिलाओं ने मार्च किया। इसके बाद 1909 में अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने 28 फरवरी को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में 19 मार्च को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।
रूसी महिलाओं ने रोटी और शांति के लिए हड़ताल की
1917 में रूसी महिलाओं ने रोटी और शांति के लिए हड़ताल की। यह हड़ताल जूलियन कैलेंडर के अनुसार फरवरी के अंतिम रविवार को हुई, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 8 मार्च था। सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया और यह आसपास के अन्य देशों में फैल गया। इसे अब कई पूर्वी देशों में भी मनाया जाता है। महिला दिवस की तारीख को साल 1921 में बदलकर 8 मार्च कर दिया गया। इस घटना के बाद से 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता दी। तब से यह दिन दुनियाभर में महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इसके बाद से हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा है।
संघर्ष, अधिकारों की लड़ाई और उपलब्धियों का प्रतीक
हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है, जो महिलाओं की आने वाली चुनौतियों और उनकी उपलब्धियों को उजागर करता है। 2025 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम एक्सीलरेट एक्शन (Accelerate Action) रखी गई है।