भारत-पाकिस्तान सीमा से एक किलोमीटर दूर गुजरात के कच्छ के रण में सोलर और विंड पॉवर प्लांट का निर्माण हो रहा है। इस पर कांग्रेस आग बबूबा हो गई है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि हमने अडानी सौर ऊर्जा मुद्दे पर स्थगन नोटिस दिया है। सेना को विश्वास में लिए बिना सरकार अडानी को सभी विशेषाधिकार सौंपने के लिए तैयार है। हमें उम्मीद है कि सरकार इस पर चर्चा की अनुमति देगी और सदन में जवाब देगी। वहीं पीएम मोदी ने इससे पहले स्पष्ट किया है कि सीमा पर जो आखिरी गांव हुआ करते थे, उन्हें हमने पहला गांव माना है और वहां के विकास के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। बहरहाल कांग्रेस ने सरकार पर कई आरोप लगाए हैं और इस मुद्दे पर आक्रामक नजर आ रही है।
सुप्रिया श्रीनेत ने पोस्ट किया वीडियो
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो पोस्ट कर कहा कि नरेंद्र मोदी ने अपने मित्र अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से इतना बड़ा समझौता किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा और सरहदों की रक्षा के मद्देनजऱ भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से 10 किलोमीटर तक मौजूद गांवों और सडक़ों को छोडक़र किसी बड़े निर्माण की अनुमति नहीं है । लेकिन मोदी और अडानी कच्छ के रण में भारत-पाकिस्तान सीमा से सिर्फ 1 किलोमीटर दूर एक बहुत बड़े सोलर और विंड पॉवर प्लांट का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात के कच्छ क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एसईसीआई को गुजरात सरकार ने एक नवीकरणीय ऊर्जा पार्क के लिए 23,000 हेक्टेयर भूमि आवंटित की थी। लेकिन आवंटित ज़मीन भारत-पाकिस्तान सीमा के काफी करीब थी। वहां रक्षा प्रतिबंधों का मतलब था कि वह जमीन पर केवल विंड टरबाइन ही बन सकता था, सोलर पैनल नहीं लग सकता था। बस फिर क्या था, अप्रैल 2023 में गुजरात के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर इस मामले को रक्षा मंत्रालय के साथ उठाने को कहा। गुजरात सरकार के सोलर और विंड प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 21 अप्रैल 2023 को दिल्ली में एक गोपनीय बैठक बुलाई गई। सैन्य संचालन महानिदेशक, गुजरात और न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा एसईसीआई ने भी भाग लिया। रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर टैंक मूवमेंट और सुरक्षा निगरानी में सोलर पैनलों से दिक्कतें आने की आशंकाएं जताई गईं थीं।
पाकिस्तान से 1 किमी के करीब बनाने की अनुमति दे दी
कांग्रेस का आरोप है कि डेवलपर्स ने आश्वासन दिया कि दुश्मन की टैंक गतिविधियों को देखने में सोलर पैनल बाधा नहीं बनेंगे। लेकिन सोलर पैनल के साइज में बदलाव के सैन्य अधिकारियों के अनुरोध को डेवलपर्स ने खारिज कर दिया था। बैठक के अंत में रक्षा मंत्रालय ने सोलर पैनलों को 2 किमी और विंड टरबाइनों को पाकिस्तान से 1 किमी के करीब बनाने की अनुमति दे दी। मई 2023 तक मोदी सरकार ने इस फैसले को औपचारिक रूप भी दे दिया। सुप्रिया ने कहा कि नियमों में परिवर्तन बताने के लिए सभी मंत्रालयों को एक अधिसूचना जारी की गई और फिर हुआ खेल, एसईसीआई की सभी चिंताओं के निवारण के बावजूद 3 महीने बाद कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर जमीन वापस कर दी। इसके बाद गुजरात सरकार ने इसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए आरक्षित करने के पहले के फैसले को पलटा और इसे अडानी को आवंटित कर दिया।
साजिश रचकर जमीन अडानी को सौंप दी
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी और गुजरात की बीजेपी सरकार ने सांठगांठ से साजिश रचकर सारे नियम कानून बदल कर जमीन अडानी को सौंप दी। नियम में राहत न केवल भारत-पाकिस्तान सीमा पर, बल्कि बांग्लादेश, चीन, म्यांमार और नेपाल से सटी सरहद पर भी कर दी गई। यह फैसला हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरे में डाल सकता है। कांग्रेस का आरोप है कि नरेंद्र मोदी ने भूभागीय अखंडता के साथ भद्दा मज़ाक किया है। यह इनका फर्जी राष्ट्रवाद और नकली देशप्रेम है।