पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि अब आरोप-प्रत्यारोप का ज़माना खत्म हो चुका है। जनता कहती है कि अब और नहीं गिराओ, दिल्ली को राजधानी बनाओ, ताकि यह दुनिया के लिए मिसाल बन सके। हम दिल्ली को स्वस्थ, सुरक्षित और स्वच्छ बनाएंगे। 2015 में भाजपा ने किरण बेदी को सीएम उम्मीदवार बनाया था, लेकिन पार्टी बुरी तरह हार गई और 3 सीटें ही जीत पाई थी।
अन्ना मूवमेंट से जुड़ी थीं किरण बेदी
अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी 2011-12 में हुए अन्ना आंदोलन में सहयोगी रह चुके हैं। इसके बाद 2013 में केजरीवाल ने अपनी पार्टी बनाई और किरण बेदी से उनकी राह जुदा हो गई। केजरीवाल ने 2013 में हुए चुनाव में 28 सीटें जीतीं और कांग्रेस के साथ मिलकर करीब डेढ़-दो साल तक सरकार चलाई। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और 2015 में फिर से चुनाव हुए। उस समय भाजपा ने केजरीवाल की काट के तौर पर किरण बेदी पर दांव लगाया और उन्हें सीएम पद का उम्मीदवार बना दिया। किरण बेदी भाजपा की सुरक्षित सीट कृष्णा नगर से मैदान में उतारा लेकिन किरण बेदी यहां से हार गईं और बीजेपी 3 सीटें हासिल कर बुरी तरह हार गई। इसके बाद भाजपा ने उन्हें पुडुचेरी की उपराज्यपाल भी बना दिया था। तब से किरयाण बेदी राजनीति से किनारा कर चुकी हैं।