लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। ऐसे में हो सकता है कि उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पारित हो और कड़ी कार्रवाई हो जाए। ऐसे में उनकी सांसदी पर भी खतरा मंडरा सकता है। चीन दिए दिए उनके विवादित बयान पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की मांग की है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को इस प्रस्ताव के लिए चि_ी भी लिखी है। ऐसे में उनकी सांसदी भी जा सकती है? इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी दादी इंदिरा गांधी की भी विशेषाधिकार हनन के मामले में सांसदी जा चुकी है।
यह बोले थे राहुल गांधी
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि चीन अब भी हमारी 4,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि पर बैठा है। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री और भाजपा नेता इसे खारित करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे खारिज करते हैं तो सेना पीएम मोदी की बात से असहमति जताती है। राहुल के इस दावे पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आप सदन में मनचाही बात नहीं बोल सकते। ये गंभीर विषय है। उन्होंने देश की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली बात कही। संसद की गरिमा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
इंदिरा गांधी को सदन से निकाला गया था
1978 में इंदिरा गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पारित किया गया था। तत्कालीन गृह मंत्री चरण सिंह ने प्रस्ताव पारित किया था। उन्होंने आपातकाल के दौरान की गई ज्यादतियों का आरोप लगाया था। उन्हें दोषी पाया गया और सदन से निष्कासित कर दिया गया था।
रिपोर्ट पेश होने पर होती है कार्रवाई
विशेषाधिकार हनन के मामले में समिति की रिपोर्ट पेश होने के बाद सदन सिफारिशों पर विचार कर सकता है। जब अध्यक्ष या सभापति आरोपों को सत्य मान लेते हैं तो आरोपी को अपना स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया जाता है। आरोपी सदस्य की ओर से विशेषाधिकारों का हनन सिद्ध हो जाता है तो कार्रवाई की जा सकती है। इससे पहले भी राहुल गांधी को 24 मार्च, 2023 को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। निचली अदालत के दोषी ठहराने के बाद यह कार्रवाई हुई थी। मोदी उपनाम को बदनाम करने के आरोप में गांधी को दो साल की कैद की सजा सुनाई थी।