उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुनर्चक्रित निर्माण अपशिष्ट का उपयोग करके शिवालय पार्क बनाया गया जिसमें भारत के मानचित्र पर 12 ज्योतिर्लिंगों को दर्शा रहा है। प्रयागराज के महाकुंभ क्षेत्र में बनाया गया यह आध्यात्मिक पार्क देखते ही बन रहा है। स्क्रैप से बनाया गया भारत के नक्शे के भीतर देश के सभी प्रमुख मंदिर और 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों की रिप्लिका बनाई गई है। विशाल आकर के ये मंदिर पूरी तरह स्क्रैप के सामानों से बनाए गए हैं, जो आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। ये मंदिर इतने खूबसूरत बने हैं कि लोग यहां आकर रोमांचित महसूस कर रहे हैं।
यहां बना है शिवालय पार्क
प्रयागराज के अरैल गंगा घाट के पास मुख्य मार्ग पर ये शिवालय पार्क बनाया गया है। पार्क में भगवान शिव से जुड़े सभी प्रमुख मंदिर और ज्योतिर्लिंग मंदिर के रिप्लिका या प्रतिकृति बनाई गई है। पार्क में हर रिप्लिका मंदिर के सामने उस मंदिर का नाम भी लिखा है। सभी मंदिर स्क्रैप यानी कबाड़ में निकले लोहे से बने हुए हैं। ये हुबहू असली मंदिरों की प्रतिकृति लगते हैं।
समुद्र मंथन का दृश्य
पार्क में अंदर आते ही समुद्र मंथन का दृश्य दिखाई देता है, जिसमें नागवासुकी को रस्सी बनाकर देव और दानवों को समुद्र मंथन करते दिखाया गया है। यहां विशालकाय नंदी विराजमान हैं। एक तरफ विशाल त्रिशूल है। लोहे का एक पुल है। यहां सभी ज्योतिर्लिंग मंदिरों के दर्शन होते हैं। अलग अलग राज्यों के प्रसिद्ध मंदिर दिखते हैं। सभी मंदिर भारत के नक्शे के ठीक उस स्थान पर बने हैं जहां ये वास्तव में स्थित हैं।
एंट्री के लिए देनी होगी 50 रुपये की फीस
शिवालय पार्क में भारत के नक्शे के बॉर्डर पर एक नहर बनाई गई है, जो नदी का प्रतीकात्मक रूप है। इस नदी में बोटिंग की भी सुविधा है, जिससे आप भारत की परिक्रमा करने का अहसास कर सकते हैं। 10 एकड़ ज़मीन में 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों के साथ 22 मंदिर बनाए गए हैं। इस पार्क को भव्य रूप देने में कऱीब 20 करोड़ रुपए की लागत आई है। पार्क में प्रवेश शुल्क 50 रुपए रखा गया है, जो शनिवार और रविवार को 100 रुपए होता है।