जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीति भी तेज होती जा रही है। बिहार के बाद अब इंडिया गठबंधन को महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में भी झटका लगते हुए दिख रहा है। यहां उसके सहयोगी उससे छिटकते हुए दिख रहे हैं। महाराष्ट्र में तो शिवसेना की तरह एनसीपी में भी मुकम्मल फूट हो गई है। उप्र में सपा की सहयोगी आरएलडी एनडीए में जाने की तैयारी में है। वहीं आंध्र प्रदेश में टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू एक बार फिर एनडीए में आने की तैयारी में हैं। ऐसा हुआ तो इससे तीनों राज्यों में बीजेपी को बड़ा फायदा मिल सकता है।
महाराष्ट्र में दूसरी बार मुकम्मल फूट
शिवसेना को तोडऩे के बाद अब एनसीपी के भी वहीं हाल हो गए हैं। अजित पवार गुट को एनसीपी की कमान मिल गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने अजित पवार गुट की एनसीपी को ही असली पार्टी माना है। इससे शरद पवार गुट को तगड़ा झटका लगा है। अब पार्टी निशान अजित पवार के पास होगा और वही राष्ट्रीय अध्यक्ष भी होंगे। चुनाव से पहले मिले इस झटके से शरद पवार गुट और इंडिया गठबंधन सदमे में है। अब या तो शरद पवार को दूसरी पार्टी बनानी होगी या फिर अजित पवार की बादशाहत कबूल करनी होगी।
उप्र में भी झटका देने की तैयारी
उप्र में सपा की सहयोगी पार्टी आरएलडी एनडीए में जाने की तैयारी में है। जयंत चौधरी दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मिले हैं। बीजेपी उन्हें उप्र में 3-4 सीटें देने को तैयार हैं। ऐसा हुआ तो यहां कांग्रेस और सपा को झटका लगना तय है। सूत्र बताते हैं कि जयंत चौधरी को उप्र में रामलहर के चलते इंडिया गठबंधन का भविष्य नजर नहीं आ रहा है। इसलिए वे एनडीए में आना चाहते हैं ताकि 3-4 सीटों पर जीत सुनिश्चित हो सके।
आंध्र में फिर जागी आस
बीजेपी को पुरानी सहयोगी टीडीपी के जरिए आंध्र प्रदेश में फिर उम्मीद जागी है। टीडीपी प्रमुख पहले भी वाजपेयी और मोदी सरकार में सहयोगी रह चुकी है। अब फिर से वे एनडीए में आकर कांग्रेस और वाईएसआर को चुनौती देने की तैयारी में हैं। ऐसे में भाजपा को यहां से कुछ सीटों की उम्मीदें नजर आने लगी हैं।


