संसद में भले ही संविधान पर चर्चा चल रही हो, लेकिन एक और मुद्दा संसद के बाहर गर्म है। वह है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के पत्रों को लेकर। दरअसल प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी ने मांग की है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के निजी पत्र जो सोनिया गांधी ने लिए थे, वे उन्हें वापस करें। संग्रहालय ने इसे लेकर लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखा है। पंडित नेहरू के ये पत्र साल 2008 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में सोनिया गांधी ने मंगवाए थे। प्रधानमंत्री संग्रहालय के सदस्य रिजवान कादरी की ओर से राहुल गांधी को 10 दिसंबर को पत्र लिखा गया। कादरी ने राहुल गांधी से अपील की कि वे सोनिया गांधी को दिए गए पत्रों, फोटोप्रति और डिजिटल प्रति को वापस करें। संग्रहालय ने सितंबर में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था।
कई नेताओं को लिखे थे निजी पत्र
पंडित नेहरू के ये निजी पत्र बेहद ऐतिहासिक हैं। पहले ये पत्र जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल के पास थे, जिन्हें 1971 में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को दिया गया था। अब नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को प्रधानमंत्री मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के रूप में जाना जाता है। इन पत्रों में पंडित नेहरू ने एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजय लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद वल्लभ पंत आदि महान विभूतियों से पत्राचार किया था।
सोनिया गांधी ने मंगवाए थे 51 बक्से
पंडित नेहरू के निजी कागजात से संबंधित अभिलेखों में कथित 51 बक्से सोनिया गांधी द्वारा मंगवाए गए थे। कादरी ने सोनिया को पत्र लिखकर इस बात पर जोर दिया कि जवाहरलाल नेहरू अपने योगदान के बारे में किसी भी राजनीतिक प्रभाव से मुक्त निष्पक्ष शोध के हकदार हैं। दरअसल 2008 में यूपीए की सरकार थी, जिसके कारण ये पत्र यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को दे दिए गए।