साल 2014 से लेकर 2021 तक भारत ने घरेलू सरजमीं पर 11 टेस्ट सीरीज खेली और यह 11 टेस्ट सीरीज विराट कोहली की कप्तानी में थी। और विराट कोहली की कप्तानी में कभी भी ऐसा मौका नहीं आया कि भारत को सीरीज गवानी पड़ी हो। कई कठिन मौके भी आए जहां पर टीम इंडिया को इक्का-दुक्का मौके पर हार भी मिली, लेकिन भारतीय टीम ने कम बैक किया और सीरीज जीती। लेकिन अब वो दिन बीत चुके हैं क्योंकि अब टीम इंडिया ने हार का स्वाद चख लिया है और यह हार का स्वाद वर्ल्ड कप विनिंग कप्तान रोहित शर्मा की कप्तानी में आया है जिन्हें फैंस विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा कप्तान मानते हैं।
विराट की कप्तानी में 11 सीरीज में कभी नहीं हारी टीम इंडिया
2014 से लेकर 2021 तक विराट कोहली ने घरेलू सरजमीं पर 11 टेस्ट सीरीज में कप्तानी की और भारत ने 11 टेस्ट सीरीज में सिर्फ दो टेस्ट मैच हारे हैं। एक टेस्ट मैच पुणे के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया था और दूसरा टेस्ट मैच चेन्नई में इंग्लैंड ने भारतीय टीम हराया था इसके अलावा कभी भी विराट कोहली की कप्तानी में ऐसा नहीं लगा की टीम इंडिया को कोई भी टीम आकर घरेलू सरजमीं पर हराकर चली जाएगी। उसका कारण था लीडिंग फ्रॉम द फ्रंट, विराट कोहली अपनी कप्तानी में खुद रन बनाते थे।
बतौर कप्तान रन बनाना विराट की तरह किसी के लिए भी नहीं है आसान
विश्व क्रिकेट में ये कहावत कही आती है कि जब एक खिलाड़ी को कप्तानी मिलती है तो उसके ऊपर अतिरिक्त प्रेशर आ जाता है और उस खिलाड़ी से रन बनना बंद हो जाते हैं लेकिन विराट कोहली के लिए यह बात बिल्कुल विपरीत है। क्योंकि विराट कोहली के ऊपर जब कप्तानी का प्रेशर आया तो विराट कोहली और भी खतरनाक बल्लेबाज बन गए और अपनी कप्तानी में 72 की औसत से रन बनाने लगे।
विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में 72 की औसत से वनडे में रन बनाए हैं और टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली ने बतौर कप्तान 56 की औसत से रन बनाए हैं जो यह बताने के लिए काफी है कि विराट कोहली अपनी कप्तानी में खुद रन बनाते थे और टीम इंडिया को जितवाते थे। लेकिन रोहित के साथ कहानी बिल्कुल उल्टी है रोहित के बतौर कप्तान रन बनना बंद हो गए हैं।