दिल्ली के पर्यावरण के लिए पराली जलाने की घटनाएं कुछ हद तक जिम्मेदार हैं। इसे लेकर हरियाणा और पंजाब को दोषी ठहराया जाता है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए आज एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, भागीरथ चौधरी, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के कृषि एवं वन पर्यावरण मंत्री, राज्यों के कृषि सचिव और मुख्य अधिकारी शामिल हुए। पिछले साल से इस साल तक पंजाब में पराली जलाने के मामलों में 35 प्रतिशत और हरियाणा में 21 प्रतिशत की कमी आई है। 2017 के मुकाबले पराली जलाने की घटनाओं में 51 प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन अभी भी लगातार ध्यान देने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन कर रहे
शिवराज ने कहा कि राज्यों ने बताया कि वे लगातार निगरानी कर रहे हैं, उनके नोडल अधिकारी तय हैं और वे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पिछले साल केंद्र सरकार ने सब्सिडी पर 3 लाख से ज्यादा मशीनें दी हैं जो पराली प्रबंधन का काम करती हैं। इनका इस्तेमाल हो रहा है और आगे भी होगा। शिवराज ने कहा कि हम मिलकर प्रयास करेंगे ताकि पराली जलाने की घटनाएं या अनियंत्रित संख्या में पटाखे जलाने की घटनाएं, जिनसे प्रदूषण भी होता है, पर रोक लगे। इसके साथ ही बैठक में पर्यावरण पर पडऩे वाले प्रभावों को कम करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा हुई।


