हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नाराज कांग्रेस नेता कुमार सैलजा ने स्पष्ट कर दिया है कि वे बीजेपी में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उन्हें उकलाना से टिकट नहीं मिला और उनके कई साथी दरकिनार कर दिए गए। उन्होंने साफ किया कि अभी भी कांग्रेस के पास मौका है, जिसमें वह जाटों की पार्टी होने का टैग हटा सकती है। शैलजा ने कहा कि आने वाले समय में वह प्रचार में उतरेंगी और पार्टी में रहकर ही संघर्ष करेंगी। उन्होंने कहा कि कैंडिडेट अपने काम में बिजी होती है। कई पार्टी के अंदर की बात होती है। हम प्रचार में निकलेंगे। 70-75 सीटों पर हुड्डा के उम्मीदवार हैं। अंत में सभी कांग्रेस पार्टी के ही उम्मीदवार हैं। उन्होंने माना कि सार्वजनिक मंचों पर थोड़ा पार्टी के लिए ढक्कन भी लगाना पड़ता है, यह पार्टी के अनुशासन के सवाल है।
उकलाना से टिकट मांगा था, मना कर दिया गया
कुमारी सैलजा ने कहा कि टिकट न मिलने से नाराजगी की बात नहीं है। कुछ बातें अंदरुनी होती है, जिसका चुनाव से मतलब नहीं है। लोग कांग्रेस की ओर उम्मीद से देख रहे हैं और कार्यकर्ताओं का योगदान पार्टी को जीत दिलाएगा। उन्होंने कहा कि मैंने उकलाना से टिकट मांगा था, जिसे मना कर दिया गया। यह पार्टी का फैसला है, इस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि सैलजा की अपनी राजनीतिक यात्रा है। इस सफर में कुछ लोग मेरे साथ रहे हैं। हमारी भी तीन पीढ़ी राजनीति में हैं। उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई कमजोर वर्ग और महिलाओं के लिए है। राजनीति में संघर्ष विचारों और साथियों के लिए होता है, जो चलता रहा।
वजूद खत्म नहीं हुआ, संघर्ष जारी रहेगा
सैलजा ने कहा कि टिकट नहीं मिली तो इसका मतलब नहीं है कि वजूद खत्म हो गया है। संघर्ष है और जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में मान-सम्मान मिलता है। मैं जहां तक पहुंची, कांग्रेस के रास्ते ही पहुंची। दलित नेता के अपमान का मुद्दा बनाकर मनोहर लाल के खुले ऑफर पर कहा कि जो नेता मुझे नसीहत दे रहे हैं, उनसे ज्यादा राजनीतिक अनुभव है। बीजेपी पार्टी बदलने का भ्रम फैला रही है। मैं किसी पार्टी में नहीं शामिल हो रही हूं, क्योंकि मेरी रगों में कांग्रेस का खून है। बीजेपी अपना घर देखे।


