दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 2 दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर सियासत गर्म हो गई है। आप जहां इसे त्याग और ईमानदारी की राजनीति बता रही है, तो भाजपा ने उनकी मंशा पर सवाल उठाए हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पूछा कि अरविंद केजरीवाल को 2 दिन का समय क्यों चाहिए? वे 2 दिनों में क्या करना चाहते हैं? दिल्ली की जनता तो आम आदमी पार्टी की सरकार से निजात पाना चाहती है। उनके इस्तीफे से काम नहीं चलेगा। दिल्ली की जनता आप के भ्रष्ट प्रशासन से निजात पाना चाहती है। इस बीच कांग्रेस की सधी हुई प्रतिक्रिया आई है।
कोर्ट ने ही मुख्यमंत्री पद से हटा दिया : मनोज तिवारी
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को तो कोर्ट ने मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था, तो यह एक नया नाटक है। होना तो यह चाहिए था कि जिस दिन वे जेल जा रहे थे, उसी दिन इस्तीफा दे देते। इस देश के इतिहास में जब भी कोई मुख्यमंत्री जेल जाता है, तो इस्तीफा देता है ताकि प्रदेश चलता रहे। अब वे इस्तीफा दे रहे हैं, तो 2 दिन का समय ले रहे हैं। कल्पना की जा सकती है कि दो दिन में क्या होगा। उन्हें अपना उत्तराधिकारी ढूंढना है। उन्हें लोगों पर भरोसा नहीं है, उन्हें अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है। जो भी होगा, देखना दिलचस्प होगा।
मजबूरी को उपलब्धि बनाया : शहजाद
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आज किस प्रकार से मजबूरी को उपलब्धि बनाया जाए, किसी को सीखना है तो अरविंद केजरीवाल से सीखिए। कोई और व्यक्ति होता जेल जाने से पहले ही इस्तीफा दे देता या जेल जाने पर इस्तीफा देता। वे न अपराधमुक्त हुए हैं और न ही दोषमुक्त हुए हैं, बल्कि सेरेमोनियल बनकर केवल शीश महल में बैठ सकते हैं। दो दिनों की मोहलत इसलिए ली जा रही है ताकि सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाया जा सके। अरविंद केजरीवाल मनमोहन सिंह वाली व्यवस्था बनाने वाले हैं। जैसे सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह के चेहरे से सरकार चलाती थी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि उनके प्रति जनता में जो आक्रोश है उसे कम किया जा सकेगा।
कांग्रेस हर चुनौती के लिए तैयार : पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि ये उनका निर्णय है लेकिन ये सच है कि जब लोकतंत्र में अंतिम निर्णय जनता का होता है। कांग्रेस पार्टी हमेशा हर चुनौती के लिए तैयार है। अभी 2 राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। दोनों राज्यों में प्रचंड बहुमत के साथ कांग्रेस और हमारा गठबंधन जीतकर आएगा। दिल्ली में भी कांग्रेस हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।