उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि हमारे लोकतंत्र और राष्ट्रवाद की भावना को चुनौती देने वाले लोग वे हैं जो कभी सत्ता में थे या महत्वपूर्ण पदों पर थे। संकीर्ण पार्टीगत हितों की पूर्ति के लिए वे देश विरोधी एजेंडा फैला रहे हैं। हमारे महान लोकतंत्र की तुलना पड़ोसी देशों की प्रणालियों से कर रहे हैं। धनखड़ ने युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि ये लोग हमें भटकाने की पूरी कोशिश करते हैं, अपने वास्तविक इरादों को छिपाते हुए वे देश की अभूतपूर्व वृद्धि को नजरअंदाज करते हैं। देश की आर्थिक उन्नति और वैश्विक मंच पर इसकी शानदार वृद्धि को नजरअंदाज करते हैं।
उपराष्ट्रपति ने युवाओं से अपील की कि वे इस नैरेटिव का विरोध करें, उन्हें बेअसर करें और इन हानिकारक तुलनाओं को उजागर करें। धनखड़ ने कहा कि भारत, जो सबसे बड़ा और सबसे जीवंत लोकतंत्र है, और प्रधानमंत्री जो लगातार तीसरी बार कार्यरत हैं, को ऐसी अवमाननाओं का सामना नहीं करना चाहिए। वे देहरादून में सीएसआईआर आईआईपी में छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। धनखड़ ने जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती पर जोर दिया। जलवायु न्याय की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन विशेष रूप से कमजोर वर्गों को प्रभावित करता है और इसलिए जलवायु न्याय हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए। माता पृथ्वी के बच्चों के रूप में अपनी जिम्मेदारी को मानते हुए भारत द्वारा वैश्विक प्रतिबद्धताओं में स्थिरता को शामिल करने की सराहना की।
निजी हित के लिए कुछ लोग देश को नजरअंदाज कर रहे हैं, देश विरोधी एजेंडा फैला रहे : उपराष्ट्रपति
RELATED ARTICLES