उप्र के प्रयागराज महाकुंभ 2025 के मेले के लिए भव्य तैयारियां की जा रही हैं। दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक समागम के लिए श्रद्धालु 12 साल इंतजार करते हैं। इसलिए आयोजन को भव्य बनाने के लिए योगी सरकार भी पूरी तरह से जुट गई है। महाकुंभ के मेले के लिए 9 हजार हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। प्रयागराज महाकुंभ मेला 2019 की अपेक्षा डेढ़ गुना ज्यादा क्षेत्रफल में बसाया जाएगा। इसके साथ ही 4 तहसीलों के 68 गांव भी खाली कराए जाएंगे। 6200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में महाकुंभ मेला होगा, जबकि लगभग 2800 हेक्टेयर जमीन में पार्किंग समेत अन्य कार्यों किए जाएंगे। प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से इसकी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 2 दर्जन विभागों व काश्तकारों से जमीन अधिग्रहित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 68 गांवों के किसानों को अधिग्रहण के लिए नोटिस भेजा गया। बताया गया कि तय समय से पहले ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
2019 में हुए प्रयागराज महाकुंभ में 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे। इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान सरकार की ओर से लगाया जा रहा है। इसी के मुताबिक सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। 2019 में 3200 हेक्टेयर में मेला लगा था। इस बार 9000 हेक्टेयर में लगने वाले मेले को 25 सेक्टर में बांटा जाएगा। गंगा नदी पर 30 पांटून पुल बनाए जाएंगे। 16 अस्थायी थाने, 68 पुलिस चौकी, 82 अग्निशमन केंद्र भी बनेंगे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
92 पार्किंग स्थल, 31 हजार करोड़ खर्च होंगे
प्रयागराज महाकुंभ में लगभग डेढ़ लाख वाहनों की क्षमता वाले 92 पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो। श्रद्धालु 20 प्रवेश द्वारों से महाकुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे। 8 किमी नदी में बैरीकेडिंग और 40 स्नान घाटों का निर्माण किया जाएगा। पूरे महाकुंभ के आयोजन के लिए लगभग 31 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।