उप्र के प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ बेहद भव्य होगा। सबसे बड़े धार्मिक समागम में दुनिया के 75 देशों से 25 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। करीब इतने ही श्रद्धालु देशभर से आएंगे। यही वजह है कि इसे भव्य ब्रांड के मौके के तौर पर देखा जा रहा है और इसकी ब्रांडिंग भी भव्य स्तर पर होगी। महाकुंभ में उत्सव का रंग गाढ़ा करने की तैयारी है। 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले प्रयागराज महाकुंभ में अध्यात्म और संस्कृति के तौर पर संस्कृति ग्राम बसाया जाएगा। 5 एकड़ में बसने वाले इस संस्कृति ग्राम में 45 दिन तक विभिन्न धार्मिक महाआयोजन चलेंगे जिनमें सनातन परंपरा की झलक श्रद्धालुओं को देखने को मिलेगी। संस्कृति ग्राम में ऑग्मेंटेड रियलिटी व वर्चुअल रियलिटी के जरिए विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं को दर्शाया जाएगा। मेला क्षेत्र में 30 भव्य थीम आधारित गेट का भी निर्माण होगा जो त्रिशूल, स्वास्तिक, कल्पवृक्ष, डमरू समेत विभिन्न आध्यात्मिक संकल्पनाओं पर आधारित होंगे। संस्कृति ग्राम में 20 स्टॉल भी लगेंगे, जिनमें स्थानीय हस्तकला व शिल्प को तवज्जो दी जाएगी। संस्कृति ग्राम को ऑग्मेंटेड रियलिटी वर्चुअल रिएलिटी का हब भी बनाने की तैयारी है।
प्राचीन संस्कृति, पौराणिक कथाएं और ऐतिहासिक अभिलेख होंगे
प्रयागराज महाकुंभ के पौराणिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व को भी दर्शाए जाने की तैयारी है। विभिन्न कालखंडों में महाकुंभ की यात्रा को दर्शाया जाएगा। संस्कृति ग्राम विभिन्न जोन में बंटा होगा जिनमें प्राचीन संस्कृति, पौराणिक कथाओं, ऐतिहासिक अभिलेख, ज्योतिष, कला और संवाद के अलग जोन होंगे।
चरक संहिता से लेकर हर्षवर्धन के दान तक दिखेगा
माना जाता है कि कन्नौज के राजा हर्षवर्धन ने कुंभ में अपनी समस्त संपत्ति दान की थी, जिसकी कथाएं प्रचलित हैं। संस्कृति ग्राम में इसका चित्रण मिलेगा। महाकुंभ से जुड़े स्थलों की विशेषता, उनके ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संदर्भ को वर्चुअल, इंटरेक्टिव कियोस्क व मल्टीमीडिया डिस्प्ले के जरिए श्रद्धालुओं को दिखाया जाएगा। प्रदर्शनी स्थल पर वेद, पुराण और चरक संहिता और प्राचीन ज्योतिष शास्त्रों को उल्लेख मिलेगा। भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों का भी जिक्र किया जाएगा। मुख्य स्टेज पर शास्त्रीय व लोकनृत्य, संगीत की प्रतिदिन प्रस्तुतियां होंगी। नाटक, फूड स्टॉल्स, कुकिंग, क्राफ्ट वर्कशॉप और डांस-म्यूजिक वर्कशॉप का भी आयोजन होगा। विजिटर्स के लिए सूचना केंद्र व गाइडेड टूर्स की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।
देवताओं व समुद्र मंथन पर आधारित होंगे 30 द्वार
महाकुंभ मेला क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग 30 भव्य द्वारों के निर्माण कराने की तैयारी है। महाकुंभ लोगो द्वार, त्रिशूल द्वार, स्वास्तिक द्वार, डमरू द्वार, शंख द्वार, महाकुंभ 2025 द्वार, सूर्य द्वार, कमल द्वार, देव दल द्वार, धनुष द्वार, गदा द्वार, कौस्तुभ द्वार, गंगा द्वार, कामधेनु द्वार, ओम द्वार, लक्ष्मी द्वार, नंदी द्वार, नाग वासुकी द्वार, संगम द्वार,चंद्र द्वार, शिवलिंग द्वार, कलश द्वार, सुदर्शन चक्र द्वार, ऐरावत द्वार, 14 रत्न कथा द्वार, कल्पवृक्ष द्वार, कच्छप द्वार, समुद्र मंथन द्वार, रुद्राक्ष द्वार और अश्व द्वार हैं। इन सभी द्वारों पर सेल्फी प्वॉइंट, लैंप पोस्ट और पोर्टेबल टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर का निर्माण होगा। इन द्वारों को थीम के अनुरूप निर्मित किया जाएगा, जो इनके महत्व को दर्शाने के साथ ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बनाया जाएगा।