दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए अभिनेता आर. माधवन के ‘व्यक्तित्व अधिकारों’ (Personality Rights) की सुरक्षा के लिए अंतरिम आदेश जारी किया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि अब कोई भी व्यक्ति या संस्था बिना अनुमति के व्यावसायिक लाभ के लिए माधवन के नाम, फोटो, आवाज या उनकी पहचान का इस्तेमाल नहीं कर सकेगी।
क्या है पूरा मामला?
आर. माधवन ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने अपनी छवि और व्यक्तित्व के दुरुपयोग की शिकायत की थी। उन्होंने तर्क दिया कि कई वेबसाइट्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उनके नाम और फोटो का इस्तेमाल कर बिना अनुमति के सामान (Merchandise) बेच रहे हैं। साथ ही, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डीपफेक तकनीक के जरिए उनके फर्जी वीडियो और अश्लील सामग्री बनाकर फैलाई जा रही थी।
कोर्ट का सख्त रुख
जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए निम्नलिखित निर्देश दिए:
- व्यावसायिक रोक: ऐसी सभी वेबसाइट्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रोक लगा दी गई है जो माधवन की पहचान का इस्तेमाल व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं।
- आपत्तिजनक सामग्री हटाना: कोर्ट ने इंटरनेट से अभिनेता से जुड़ी अश्लील और भ्रामक सामग्री (जैसे फर्जी ट्रेलर) को तुरंत हटाने का आदेश दिया है।
- फर्जी फिल्में: माधवन के वकील ने बताया कि सोशल मीडिया पर ‘शैतान 2’ और ‘केसरी 3’ जैसी काल्पनिक फिल्मों के फर्जी ट्रेलर उनके नाम से चलाए जा रहे हैं, जबकि वे ऐसी किसी फिल्म का हिस्सा नहीं हैं।
‘व्यक्तित्व अधिकार’ का बढ़ता महत्व
आर. माधवन से पहले अमिताभ बच्चन, अनिल कपूर, और हाल ही में सलमान खान व अजय देवगन जैसी कई हस्तियां अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए अदालत का दरवाजा खटाखटा चुकी हैं। कोर्ट ने माना है कि एक सेलिब्रिटी की ‘Likeness’ (पहचान) पर केवल उसी का अधिकार है और इसका अनधिकृत उपयोग निजता और बौद्धिक संपदा का उल्लंघन है।
हाल ही में फिल्म ‘धुरंधर’ के लिए चर्चा में रहे अभिनेता के लिए यह कानूनी जीत डिजिटल युग में उनकी साख बचाने के लिए बेहद जरूरी थी। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स साइट्स को माधवन से जुड़े विवादित और अनधिकृत लिंक्स को डिलीट करना होगा।


