हरियाणा में 48 घंटे के भीतर बास्केटबॉल के दो होनहार युवा खिलाड़ियों की दर्दनाक मौत ने राज्य की खेल सुविधाओं के रखरखाव और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दोनों ही हादसे बास्केटबॉल के जर्जर पोल (post) गिरने के कारण हुए, जिससे पूरे राज्य के खेल ढांचे की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। ये दोनों दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ अलग-अलग जिलों में हुईं, लेकिन उनका कारण एक ही था: खेल उपकरणों की जर्जर स्थिति और लापरवाही:
- रोहतक हादसा: लाखन माजरा गांव में नेशनल लेवल के 16 वर्षीय खिलाड़ी हार्दिक राठी की प्रैक्टिस के दौरान बास्केटबॉल का पोल अचानक उन पर गिर गया। हार्दिक उछलकर हूप से लटकने की कोशिश कर रहे थे, तभी बीच से टूटा हुआ पोल सीधे उनके सीने पर आ गिरा। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। यह पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई।
- बहादुरगढ़ हादसा: इससे ठीक पहले, बहादुरगढ़ में भी एक 15 वर्षीय खिलाड़ी, अमन, की मौत इसी तरह बास्केटबॉल पोल गिरने से हुई थी। दोनों ही खिलाड़ियों की मौत का कारण जंग लगे और अस्थिर बास्केटबॉल पोल थे, जो खेल मैदानों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करता है।
व्यवस्था पर उठे सवाल और सरकार का एक्शन
इन हादसों के बाद हरियाणा के खेल ढांचे और अधिकारियों की लापरवाही पर चौतरफा सवाल खड़े हो गए हैं।
- राजनीतिक प्रतिक्रिया: कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और पहलवान-विधायक विनेश फोगाट समेत कई नेताओं ने इस घटना को “आपराधिक लापरवाही” और “लापरवाह सिस्टम की देन” बताया है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे “व्यवस्था द्वारा की गई हत्या” करार दिया, और दावा किया कि खिलाड़ियों ने पहले भी खराब सुविधाओं की शिकायत की थी।
- प्रशासनिक कार्रवाई: बढ़ते दबाव के बाद, हरियाणा सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रोहतक के जिला खेल अधिकारी (DSO) अनूप सिंह को निलंबित कर दिया। साथ ही, उस बास्केटबॉल नर्सरी को भी निलंबित कर दिया गया जहाँ रोहतक में हादसा हुआ था।
- जांच और निर्देश: खेल मंत्री गौरव गौतम ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि किसी की भी लापरवाही को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने राज्य के सभी खेल परिसरों से पुराने और जर्जर उपकरणों को हटाने के आदेश जारी किए हैं।


