बिहार की राजनीति में उस वक्त हंगामा मच गया जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व प्रत्याशी मदन साह का दर्द रविवार को राबड़ी देवी के आवास के बाहर फूट पड़ा। पूर्वी चंपारण जिले की मधुबन विधानसभा सीट से टिकट कटने से आहत साह ने अपना कुर्ता फाड़ लिया और फूट-फूटकर रोने लगे।
इस दौरान उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार और राज्यसभा सांसद संजय यादव पर टिकट बेचने का बेहद गंभीर आरोप लगाया।
टिकट बेचने का संगीन आरोप
मदन साह ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव ने मुझसे दो करोड़ सत्तर लाख रुपये की मांग की थी। मैंने पैसे नहीं दिए, इसलिए मेरा टिकट काट दिया गया। मैं इस चुनाव के लिए बर्बाद हो गया हूं, मैंने अपनी बेटी और बेटे की शादी तक टाल दी थी।
उन्होंने दावा किया कि पिछली बार कम वोटों से हारने के बाद खुद लालू यादव ने उन्हें तैयारी करने को कहा था और अगली बार मौका देने का भरोसा दिया था।
पार्टी क्यों थी नाराज?
मदन साह 2020 के विधानसभा चुनाव में मधुबन सीट से राजद के टिकट पर लड़े थे, लेकिन भाजपा के राणा रणधीर सिंह से मात्र 5,878 वोटों के अंतर से हार गए थे।
हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी भूमिका संदिग्ध रही। सूत्रों के मुताबिक, उन पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने राजद उम्मीदवार की जगह NDA प्रत्याशी को अंदरखाने से मदद की। इस वजह से जनता दल (यूनाइटेड) की लवली आनंद ने राजद उम्मीदवार ऋतु जयसवाल को करीब 30,000 वोटों के भारी अंतर से हरा दिया था। पार्टी नेतृत्व उनकी इसी भूमिका से नाराज चल रहा था।
फिलहाल, इस पूरे मामले पर राजद या तेजस्वी यादव की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।