अमेरिका एक बार फिर पाकिस्तान को अपनी सबसे एडवांस्ड हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल, AIM-120 AMRAAM की नई खेप देने की तैयारी कर रहा है। यह डील ऐसे समय में हुई है, जब पाकिस्तान और भारत के बीच हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तनाव चरम पर है। रक्षा विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह अमेरिकी कदम, खासकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया सक्रियता, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान को हुए नुकसान के बाद उसकी कटी नाक बचाने की कोशिश है। यह डील भारत की सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाती है, हालाँकि भारतीय वायुसेना के पास अपने राफेल जेट पर लगी ‘मीटिओर’ (Meteor) जैसी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ BVR मिसाइलें मौजूद हैं।
AMRAAM मिसाइल कितनी ताकतवर?
AIM-120 AMRAAM (एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल) दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों में गिनी जाती है, जिसे ‘मिग-21 किलर’ के नाम से भी जाना जाता है।
- रेंज: इसके नए वेरिएंट (C8 या D3 एक्सपोर्ट वर्जन) की मारक क्षमता 100 किलोमीटर से 160 किलोमीटर तक बताई जाती है।
- टेक्नोलॉजी: यह एक ‘फायर एंड फॉरगेट’ मिसाइल है, जो लॉन्च होने के बाद अपने एक्टिव रडार सीकर से खुद ही टारगेट को ट्रैक करके नष्ट कर देती है।
- स्पीड: इसकी गति मैक 4 (ध्वनि की रफ्तार से चार गुना) से भी अधिक है।
- उपयोग: पाकिस्तान इन मिसाइलों को अपने F-16 लड़ाकू विमानों पर लगाएगा, जिससे BVR (Beyond Visual Range) यानी दृश्य सीमा से परे हवाई युद्ध में उसकी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप कनेक्शन
‘ऑपरेशन सिंदूर’ मई 2025 में भारत द्वारा पाकिस्तान के ख़िलाफ़ आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाकर की गई एक सैन्य कार्रवाई थी, जो पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी। इस कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक भीषण सैन्य टकराव हुआ था।
इन दोनों घातक मिसाइलों की तुलना निम्नलिखित बिंदुओं में की गई है:
विशेषता | AIM-120 AMRAAM (अमेरिकी) | मीटियोर BVR (यूरोपीय – MBDA) |
प्रोपल्शन सिस्टम | सॉलिड फ्यूल रॉकेट मोटर | रैमजेट (Ramjet) इंजन |
रेंज (मारक क्षमता) | 100 से 160 किमी तक (नवीनतम D/C8 वेरिएंट) | 150 से 200+ किमी तक (विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार) |
गति (स्पीड) | लगभग मैक 4 से 5 (ध्वनि की गति से 4 से 5 गुना) | लगभग मैक 4 |
गाइडेंस सिस्टम | एक्टिव रडार होमिंग (Fire and Forget) | एक्टिव रडार होमिंग (Fire and Forget) |
मुख्य तकनीक | ठोस ईंधन पर निर्भर, जो बूस्ट के बाद थ्रस्ट को बनाए नहीं रख पाता। | रामजेट इंजन के कारण लगातार थ्रस्ट मिलता है, जिससे ‘नो एस्केप ज़ोन’ (वह क्षेत्र जहाँ दुश्मन बच नहीं सकता) बहुत बड़ा हो जाता है। |
नो एस्केप ज़ोन (NEZ) | लंबी दूरी पर कम होता जाता है। | बहुत बड़ा (दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक माना जाता है)। लंबी दूरी पर भी मिसाइल अपनी गति और ऊर्जा बनाए रखती है। |
उपयोगकर्ता | अमेरिका, पाकिस्तान, नाटो देश, आदि। | भारत (राफेल), ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन, आदि। |
- पाकिस्तान का दावा: पाकिस्तान ने इस संघर्ष के दौरान अमेरिका और ट्रंप को युद्धविराम कराने का श्रेय दिया था, हालाँकि भारत ने इसे दोनों देशों के सैन्य महानिदेशकों (DGMOs) के बीच सीधी बातचीत का नतीजा बताया था।
- मिसाइल डील: इस संघर्ष के कुछ ही महीनों बाद अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को AMRAAM मिसाइलें देने की मंज़ूरी को कुछ विशेषज्ञ राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व (सेना प्रमुख असीम मुनीर और पीएम शहबाज़ शरीफ़ से हालिया मुलाकात) को संतुष्ट करने और इस क्षेत्र में अपना रणनीतिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं।
AIM-120 AMRAAM बनाम मीटियोर (Meteor) BVR मिसाइलें: तुलना
AIM-120 AMRAAM (एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल) और मीटियोर (Meteor) दोनों ही दुनिया की सबसे उन्नत BVR (Beyond Visual Range) हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं। जहाँ AMRAAM अमेरिकी तकनीक का प्रतिनिधित्व करती है और पाकिस्तान के F-16 विमानों में भी इस्तेमाल होती है, वहीं मीटियोर यूरोपीय देशों द्वारा निर्मित है और भारत के राफेल (Rafale) जेट की मुख्य ताकत है।
इन दोनों घातक मिसाइलों की तुलना निम्नलिखित बिंदुओं में की गई है: - मीटियोर क्यों मानी जाती है अधिक घातक?
मीटियोर की सबसे बड़ी ताकत उसका रैमजेट इंजन है। पारंपरिक सॉलिड-ईंधन मिसाइलों (जैसे AMRAAM) में लॉन्च के बाद ईंधन जल जाता है और मिसाइल अपनी गति धीरे-धीरे खो देती है। इसके विपरीत, रैमजेट इंजन उड़ान के दौरान हवा का उपयोग करके ईंधन को लगातार जलाता रहता है, जिससे मिसाइल अपनी उच्च गति और गतिज ऊर्जा को लंबी दूरी तक बनाए रखती है।
परिणामस्वरूप, मीटियोर का ‘नो एस्केप ज़ोन’ (वह दूरी जहाँ दुश्मन का विमान मिसाइल से बच नहीं सकता) AMRAAM की तुलना में बहुत बड़ा होता है, जो इसे हवाई युद्ध में एक बड़ा सामरिक लाभ प्रदान करता है। यही कारण है कि मीटियोर को वर्तमान में दुनिया की सबसे उन्नत BVR मिसाइलों में से एक माना जाता है और यह भारत के राफेल की एक महत्वपूर्ण क्षमता है।