Success Story: राजस्थान के कोटा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह सिर्फ शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि सपनों को हकीकत में बदलने की धरती है। यहाँ से निकलने वाली हर सफलता की कहानी किसी गाँव और किसी परिवार की तकदीर बदल देती है। ऐसी ही एक कहानी है मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के नौड़िया गाँव की प्राची पटेल की, जिसने मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कर न सिर्फ अपने परिवार का, बल्कि पूरे गाँव का नाम रोशन किया।
आर्थिक तंगी और मजबूत इरादे
प्राची का परिवार बेहद गरीब है और एक झोपड़ी जैसे कच्चे घर में रहता है। परिवार हमेशा आर्थिक तंगी से जूझता रहा, लेकिन इन मुश्किल हालातों ने उसके हौसले को कभी कम नहीं होने दिया, बल्कि उसे और मजबूत बनाया। बचपन से ही पढ़ाई में होशियार प्राची ने डॉक्टर बनने का सपना देखा और उसे पूरा करने की ठान ली।
परिवार का खर्च चलाना मुश्किल था, लेकिन प्राची ने इन हालातों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। उसने अपने सपने पर ध्यान केंद्रित रखा और हर मुश्किल के बावजूद पढ़ाई जारी रखी। उसकी मेहनत और लगन ने आखिरकार रंग दिखाया।
कोटा बना सपनों का आधार
प्राची का चयन शिक्षा संबल कार्यक्रम के तहत हुआ, और उसे कोटा में निःशुल्क शिक्षा का अवसर मिला। यह उसके लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। प्राची कहती है कि कोटा जैसे शिक्षक कहीं नहीं मिलते। क्लास हो या डाउट काउंटर, हर जगह फैकल्टीज ने उसे पूरा सहयोग दिया। यही कारण है कि नीट 2025 की परीक्षा में उसने 720 में से 467 अंक हासिल किए और ओबीसी-एनसीएल कैटेगरी में 46215वीं रैंक प्राप्त की।
प्राची की सफलता उसके परिवार और गाँव के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। वह अपने गाँव की पहली लड़की है जिसने डॉक्टर बनकर एक नया इतिहास रचा है। उसकी कहानी उन सभी बच्चों के लिए प्रेरणा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने का हौसला रखते हैं। प्राची की सफलता यह दिखाती है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी बाधा मंजिल तक पहुँचने से नहीं रोक सकती।