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    दुनिया में 50 से ज्यादा मुस्लिम देश.. सिर्फ तुर्किये-अजरबैजान ही पाक के साथ?

    भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में पाकिस्तान का साथ सिर्फ तुर्किए और अजरबैजान ने ही दिया। चीन खुलकर मैदान में नहीं आया। दरअसल तुर्किये और पाकिस्तान के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। दोनों देशों की आबादी में सुन्नी मुसलमानों की बड़ी संख्या है और दोनों ने अतीत में विभिन्न मंचों पर एक-दूसरे का समर्थन किया है। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में तुर्की के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय मुसलमानों ने भी वित्तीय सहायता भेजी थी, जिससे दोनों देशों के बीच एक मजबूत भावनात्मक बंधन बना हुआ है।

    अधिकांश आबादी भी मुस्लिम है

    अजऱबैजान की अधिकांश आबादी भी मुस्लिम है और तुर्की की तरह यह भी तुर्किक भाषी देश है। पाकिस्तान ने अजऱबैजान की स्वतंत्रता को जल्दी मान्यता दी थी और दोनों देशों के बीच धीरे-धीरे व्यापार और सहयोग बढ़ा है। अजऱबैजान, नागोर्नो-काराबाख संघर्ष में पाकिस्तान के समर्थन की सराहना करता है, जबकि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर अजऱबैजान का समर्थन करता है।

    भू-राजनीतिक हित के कारण समर्थन

    • तुर्किये : तुर्किये खुद को मुस्लिम दुनिया के एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में देखता है और कश्मीर जैसे मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों के मुद्दों पर मुखर रहा है। पाकिस्तान का समर्थन करके, तुर्किये इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर सकता है। इसके अलावा, तुर्किये और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग भी बढ़ रहा है।
    • अजऱबैजान : अजरबैजान और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग बढ़ रहा है और दोनों देश संयुक्त रूप से रक्षा उत्पादन पर काम कर रहे हैं। अजरबैजान, पाकिस्तान को एक संभावित हथियार आपूर्तिकर्ता और एक ऐसे देश के रूप में देखता है जो क्षेत्रीय मामलों पर उसके साथ खड़ा हो सकता है।

    अन्य मुस्लिम देशों का रुख संतुलित

    कई अन्य मुस्लिम देशों के पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध हैं, लेकिन वे भारत के साथ भी अपने आर्थिक और रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए खुलकर किसी एक पक्ष का समर्थन करने से बचते हैं। खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं, जो उनकी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसके अलावा, भारत एक बड़ा और बढ़ता हुआ बाजार है, जिसमें कई मुस्लिम देशों की आर्थिक रुचि है। इसलिए, तुर्किये और अजऱबैजान का पाकिस्तान के प्रति मजबूत समर्थन उनके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भू-राजनीतिक हितों का एक जटिल मिश्रण है, जबकि अन्य मुस्लिम देश अपने हितों को संतुलित करने की कोशिश करते हैं।

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