संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। इस हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की जरूरत पर जोर दिया। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अजीब और दोगला बयान सामने आया है, जिसमें वे ज्ञान देते हुए नजर आए हैं।
सीमा पर 1,500 सालों से तनाव
ट्रंप ने कहा कि मैं भारत के बहुत करीब हूं और मैं पाकिस्तान के भी बहुत करीब हूं और कश्मीर में वे एक हजार साल से लड़ रहे हैं। कश्मीर का मुद्दा एक हजार साल से चल रहा है, शायद उससे भी ज्यादा समय से। वह एक बुरा हमला था। उस सीमा पर 1,500 सालों से तनाव है। यह वैसा ही रहा है लेकिन मुझे यकीन है कि वे इसे किसी न किसी तरह से सुलझा लेंगे। मैं दोनों नेताओं को जानता हूं। पाकिस्तान और भारत के बीच बहुत तनाव है लेकिन यह हमेशा से रहा है। ट्रंप का यह अजीब बयान है, क्योंकि भारत-पाकिस्तान को अलग देश बने 100 साल भी नहीं हुए हैं। ऐसे में उनका 1500 साल और 1000 साल जैसे बयान नासमझी और बड़बोलेपन को ही दर्शा रहे हैं। अमेरिका का यह दोगला व्यवहार हमेशा से रहा है।
भारत की आत्मा पर आक्रमण करने की कोशिश की
पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जिन लोगों ने भारत की आत्मा पर यह आक्रमण करने की कोशिश की है, वो भूल गए हैं कि यह भारत माता है। जो निर्मम हत्या मासूम लोगों की गई, उसका जवाब भारत पूर्ण रूप से देगा और जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कहा है कि उनको खोजकर और जिस जमीन पर आतंकी कार्यशैली उत्पन्न होती है, उस जमीन को भी हम मिटाकर रहेंगे। भारत एकमत के साथ इसके खिलाफ एक आवाज़ में खड़ा हुआ है।