लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि दिल्ली में 1970 से चल रहा एक मामला सीजीओ कॉम्प्लेक्स और संसद भवन समेत कई संपत्तियों से जुड़ा है। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों को वक्फ संपत्ति बताया था। मामला कोर्ट में था, लेकिन उस समय यूपीए सरकार ने 123 संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करके वक्फ बोर्ड को सौंप दिया था। अगर हमने आज यह संशोधन पेश नहीं किया होता, तो हम जिस संसद भवन में बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर पीएम मोदी सरकार सत्ता में नहीं आती, तो कई संपत्तियां गैर-अधिसूचित हो चुकी होतीं।
बदलाव स्वीकार नहीं करना, तो समिति का क्या मतलब : अमित शाह
लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति को दिया गया। हमारे पास कांग्रेस जैसी समिति नहीं है बल्कि हमारे पास लोकतांत्रिक समिति है, जो विचार-मंथन करती है। कांग्रेस के जमाने में समिति होती थी जो ठप्पा लगाती थी। हमारी समिति चर्चा करती है, चर्चा के आधार पर विचार-विमर्श करती है और बदलाव करती है। अगर बदलाव स्वीकार नहीं करना है, तो समिति का क्या मतलब है?