कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने मुसलमानों को आरक्षण देने के मुद्दे पर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता होती है, तो वे इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। वे इसके लिए संविधान में संशोधन करने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने मुसलमानों का आरक्षण खत्म कर दिया था, जिसे वे बहाल करेंगे। डी.के. शिवकुमार के इस बयान की भाजपा ने कड़ी आलोचना की है। भाजपा ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति बताया है। भाजपा ने कहा है कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।
कांग्रेस ने किया समर्थन
कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बयान का समर्थन किया है। कांग्रेस ने कहा कि मुसलमानों को आरक्षण देना सामाजिक न्याय के लिए आवश्यक है। हालांकि भारतीय संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। राज्य सरकारें सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को आरक्षण दे सकती हैं। मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा। यह मामला अभी भी विचाराधीन है। यह देखना बाकी है कि कर्नाटक सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है।
अंबेडकर के संविधान के साथ मजाक
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बयान पर कहा कि उन्होंने अपने एक साक्षात्कार में स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए हमें संविधान को बदलना पड़े तो हम तैयार हैं। ये बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान के साथ मजाक है।