उत्तर प्रदेश की लखनऊ जेल में तब हड़कंप मच गया जब यहाँ 63 कैदी एचआईवी पॉजिटिव निकल गए। हालही में जेल में बंद 36 नए कैदियों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि होने के बाद लखनऊ जिला जेल प्रशासन अलर्ट पर है.वहीँ पहले के और नए मामले मिलकर कुल वायरल संक्रमण के मामले 63 हो गए हैं।हालाँकि जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि कैदी जेल में बंद होने से पहले ही संक्रमित हो गए थे। जेल और वायरल संक्रमण का स्रोत नशीली दवाओं का दुरुपयोग हो सकता है।
क्या बोला प्रशासन ?
जेल प्रशासन ने कहा कि वर्तमान में लखनऊ जेल में कुल 63 कैदी एचआईवी से प्रभावित हैं और उनका इलाज चल रहा है। इनमें से ज्यादातर कैदी नशे के आदी थे, जो विभिन्न प्रकार के नशे का इंजेक्शन लेते थे।इसमें कहा गया है, “जेल में प्रवेश करने के बाद कोई भी कैदी एचआईवी से संक्रमित नहीं हुआ है। एचआईवी केंद्र में सभी कैदियों को नियमित उपचार प्रदान किया जा रहा है। पिछले 5 वर्षों में, जिला जेल लखनऊ में एचआईवी संक्रमण से किसी भी कैदी की मृत्यु नहीं हुई है।”सभी एचआईवी संक्रमित मरीज लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज करा रहे हैं.
कैसा हुआ कैदियों में एचआईवी का खुलासा
दरअसल यह मामला दिसंबर 2023 में उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए स्वास्थ्य परीक्षणों के हिस्से के रूप में आया।वायरल संक्रमण के 36 ताजा मामले सामने आने के बाद लखनऊ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि 1 जनवरी 2023 को जिला जेल लखनऊ से रिहा किए गए कुल 47 कैदियों में से 47 एचआईवी पॉजिटिव थे. जब कैदियों का एचआईवी परीक्षण किया गया 3 दिसंबर, 2023 को आयोजित एक शिविर में, परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 36 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। सितंबर से नवंबर 2023 तक जेल में परीक्षण किट की अनुपलब्धता के कारण परीक्षण नहीं किए गए।’