भारत और पाकिस्तान के बीच सालों से विवाद की जड़ रहे जम्मू-कश्मीर में अब शांति आ रही है। आतंकवादियों को सीमा में घुसने से पहले ही ढेर किया जा रहा है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह बदलाव स्पष्ट दिखने लगा है। पिछले साल मारे गए ज्यादातर आतंकवादी पाकिस्तान मूल के थे। यह खुलासा भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने किया है।
2021 से संघर्ष विराम है लागू, आतंकी ढांचा बरकरार
सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले साल मारे गए 60 प्रतिशत आतंकवादी पाकिस्तानी मूल के थे। आज की स्थिति में, घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी आतंकवादी बचे हैं, हमें लगता है कि लगभग 80 प्रतिशत या उससे अधिक पाकिस्तानी मूल के हैं। उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की बात करें तो स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। नियंत्रण रेखा पर डीजीएमओ के बीच सहमति के बाद फरवरी 2021 से प्रभावी संघर्ष विराम जारी है। हालांकि, आतंकी ढांचा बरकरार है।
अमरनाथ यात्रा में आए 5 लाख से अधिक तीर्थयात्री
सेना प्रमुख ने कहा कि आईबी सेक्टर से घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं। हाल के महीनों में उत्तरी कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ बेल्ट में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस बार अमरनाथ यात्रा के दौरान 5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को देखा और चुनावों का शांतिपूर्ण संचालन एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। टेररिज्म से टूरिज्म की थीम धीरे-धीरे आकार ले रही है।