पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में 12 अप्रैल, 2025 से शुरू हुई हिंसक घटनाओं का कारण वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिल के जहाँ सुती, समसेरगंज और धुलियान जैसे क्षेत्रों में ये घटनाएं हुईं। इस घटना में तीन लोग मारे गए हैं। एक पिता और पुत्र की चाकू मारकर हत्या कर दी गई और एक अन्य व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई। कम से कम 18 पुलिस अधिकारियों सहित कई अन्य घायल हुए हैं। हिंसा के मामले में 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। राज्य पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक बड़े दल को तैनात किया गया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की तत्काल तैनाती का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति की अपील की है और कहा है कि उनकी सरकार वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन नहीं करती है और इसे पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार पर कानून बनाने का भी आरोप लगाया है। भाजपा ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने में कथित विफलता और तुष्टीकरण की राजनीति के लिए ममता बनर्जी सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने दावा किया है कि हिंसा के कारण सैकड़ों हिंदू अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। आरजेडी और जेडीयू ने भी इस घटना की निंदा की है।
आरजेडी न्यायालय पहुंची
आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर कहा कि जो कुछ हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह नहीं होना चाहिए। मैं अपने दल की ओर से प्रत्येक व्यक्ति से आग्रह करूंगा कि शांतिपूर्ण प्रतिरोध हो। गांधी जी हमें जो बताकर गए हैं, उस रास्ते पर चलें। मामला न्यायालय में है। मेरा दल भी याचिकाकर्ता है।
पूरा देश स्तब्ध है : त्यागी
जेडीयू नेता के.सी. त्यागी ने कहा कि मुर्शिदाबाद की घटना ने सारे देश को अचंभित और दुखी किया है। जिस तरह की घटना वहां की सडक़ों पर हुई, निहत्थे लोगों को पीटा गया, गोली चलाई गई लोग मारे गए इससे पूरा देश स्तब्ध है। केंद्रीय बलों के बगैर वहां शांति हो पाएगी ऐसा अब मुश्किल लगता है। बंगाल में वक्फ एक्ट को लागू नहीं किया जाएगा। ये राज्य का अधिकार है लेकिन उसकी आड़ में निहत्थे लोगों को मारना पीटना असंवैधानिक हैं।