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    ताजपोशी होगी या लेंगे संन्यास? मनोहर लाल के इस कदम से उठे सवाल..!

    हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने धार्मिक और राजनीतिक गलियारों में एक नया संदेश दिया है। उन्होंने हाल ही में बाबा बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ में शामिल होकर, उनके साथ सड़क पर बैठकर सबका ध्यान आकर्षित किया।

    ​यह घटना 8 नवंबर, 2025 (शनिवार) की है, जब बाबा बागेश्वर की दिल्ली से शुरू हुई पदयात्रा हरियाणा के फरीदाबाद पहुंची। मनोहर लाल खट्टर ने न केवल यात्रा का स्वागत किया, बल्कि क्रिकेटर शिखर धवन के साथ सड़क पर ही संतों और श्रद्धालुओं के बीच बैठकर आशीर्वाद लिया।

    ​क्या है इस कदम का ‘इशारा’?

    ​मनोहर लाल का यह कदम कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है और राजनीतिक पर्यवेक्षकों के लिए कई इशारे करता है:

    • हिंदू एकता का समर्थन
    • धीरेंद्र शास्त्री की यह पदयात्रा मुख्य रूप से ‘जाति-पाति’ के भेद को खत्म कर हिंदू समाज में एकजुटता का संदेश देने के लिए निकाली गई है। खट्टर का इसमें शामिल होना, ‘सनातन’ और ‘हिंदू राष्ट्र’ की विचारधारा को सार्वजनिक तौर पर समर्थन देने जैसा है, जो बीजेपी की मूल विचारधारा के करीब है।
    • विनम्रता और सादगी का प्रदर्शन
    • एक पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री का सड़क पर बैठकर आम भक्तों जैसा व्यवहार करना, उनकी विनम्रता और सादगी को दर्शाता है। यह एक शक्तिशाली जनसंपर्क रणनीति हो सकती है, जो उन्हें आम लोगों के करीब लाती है।
    • राजनीतिक संकेत
    • यह घटना तब हुई है जब खट्टर को हरियाणा के सीएम पद से हटाकर केंद्र में मंत्री बनाया गया है, और उनके भविष्य की भूमिका को लेकर अटकलें हैं। ऐसे समय में एक बड़े और प्रभावशाली धार्मिक चेहरे के साथ सार्वजनिक जुड़ाव, उनके राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत नेता के रूप में उभरने का संकेत हो सकता है।
    • PM राहत कोष में दान
    • मनोहर लाल ने घर दान किया और जमीन बेचकर PM राहत कोष में रकम दी, वह उनकी त्याग और निष्ठा की छवि को और मजबूत करता है। बाबा बागेश्वर के साथ यह जुड़ाव, उनकी इस ‘निष्ठावान’ छवि को धार्मिक और सामाजिक स्वीकृति दिलाने का काम कर सकता है।

    ​यात्रा का उद्देश्य

    ​बाबा बागेश्वर ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य “जातियों का अहंकार खत्म करना” और “सभी को एक ही धागे में पिरोना” है। फरीदाबाद में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत किया, जिसमें यह पदयात्रा धार्मिक चेतना फैलाने का बड़ा माध्यम बन रही है।

    ​मनोहर लाल खट्टर का सड़क पर बैठकर बाबा बागेश्वर का स्वागत करना केवल एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होना नहीं है, बल्कि यह उनकी व्यक्तिगत सादगी, सनातन विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता, और भविष्य की राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ी भूमिका के लिए तैयारी का स्पष्ट संकेत है।

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