भारत और श्रीलंका की टीम के बीच इस महीने 3 T20 और अगले महीने 3 वनडे मैचों की सीरीज खेली जानी है जिसके लिए भारतीय टीम का ऐलान आज होना है। टीम इंडिया के नए हेड कोच गौतम गंभीर बन चुके हैं और गौतम गंभीर का यह पहला असाइनमेंट भी होगा जिसमें यह पता चलेगा कि गौतम गंभीर तरीके से कोचिंग करते हैं।
लेकिन जिस तरीके की बातें चल रही है सोशल मीडिया पर कि गौतम गंभीर एक एग्रेसिव कोच हैं जिनको फ्रंट सीट में रहना काफी पसंद है। यानी गौतम गंभीर कभी भी बैक सीट पर नहीं रहते हैं वो हमेशा अपने फैसलों पर अडिग रहते हैं और हम सब यह बात जानते भी हैं। और इस आर्टिकल हम इस पर बात करना चाहते हैं कि कहीं गौतम गंभीर का यह एग्रेसिव नेचर और फ्रंट सीट पर रहने वाला रवैया कहीं उनको भारत का दूसरा ग्रेग चैपल ना साबित कर दे?
क्यों टीम इंडिया को बैकफायर कर सकता है गंभीर को कोच बनाने का फैसला?
दोस्तों आपको वो दौर तो याद होगा जब टीम इंडिया के कप्तान सौरभ गांगुली थे और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ग्रेग चैपल को टीम इंडिया का नया कोच बनाया गया था और सौरव गांगुली के कहने पर ही बनाया गया था। लेकिन हम सबने देखा कि उस वक्त इंडियन क्रिकेट का क्या हाल हुआ था और किस तरीके से सौरभ गांगुली और ग्रेग चैपल के बीच रिश्ते खराब हुए थे। भारत का 2007 का 50 ओवरों का विश्वकप निराशाजनक गुजरा था, उसके बाद ग्रेग चैपल की छुट्टी हो गई थी और सौरव गांगुली भी भारतीय टीम के कप्तान नहीं रहे थे।
उस वक्त जो भारतीय क्रिकेट में हो रहा था वह किसी से भी छुपा हुआ नहीं है। हर किसी को पता है कि ग्रेग चैपल के दौर में टीम इंडिया बेहद नीचे आ गई थी। ग्रेग चैपल की भी कहानी कुछ इस तरह की थी कि चैपल अपने तरीके से टीम चलाने की कोशिश करते थे और इससे सौरभ गांगुली खुश नहीं थे। क्योंकि सौरव गांगुली हमेशा से कप्तानी में फ्रंट रनर रहे हैं। सौरव गांगुली को कभी भी बैक सीट पसंद नहीं आई है।
गांगुली और चैपल की वर्चस्व की लड़ाई में बर्बाद हुआ था भारतीय क्रिकेट
सौरभ गांगुली और ग्रेग चैपल जब टीम इंडिया के सेटअप पर थे उस वक्त ऐसा लग रहा था कि सौरभ गांगुली अपनी चलाना चाहते हैं और कोच ग्रेग चैपल भी एक तरीके से अपनी चलाना चाहते हैं। दरअसल चैपल सौरभ गांगुली को नहीं बल्कि राहुल द्रविड़ को कप्तान चाहते थे और सौरव गांगुली कप्तानी छोड़ने के लिए कभी भी तैयार नहीं हुए हैं। और इस तरीके से सौरभ गांगुली और ग्रेग चैपल की वर्चस्व की लड़ाई में भारत को साल 2007 का 50 ओवर के विश्व कप में शर्मनाक तरीके से बाहर होना पड़ा।
और यही बात हम गौतम गंभीर के लिए भी कह सकते हैं। क्योंकि गौतम गंभीर ने तीन सीजन आईपीएल में मेंटरशिप की है दो सीजन उन्होंने लखनऊ सुपरजाएंट्स की टीम के साथ किये है जिसमें हमने देखा है कि वो मेंटर के तौर पर कितने ज्यादा एनीमेटेड और एग्रेसिव दिखाई दिए हैं और एक कोच के तौर पर इंडियन टीम में इस तरह का एनीमेटेड दृश्य शायद खिलाड़ियों को रास ना आए।
सीनियर खिलाड़ियों से बैठाना होगा गंभीर को तालमेल
बतौर कोच गौतम गंभीर के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती दिखाई दे रही है वो ये है कि गौतम गंभीर टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों से तालमेल किस तरीके से बैठाएंगे। क्योंकि रोहित शर्मा, विराट कोहली,जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या यह सीनियर खिलाड़ियों की लिस्ट में आते हैं। इसके अलावा अगर आप सीनियर खिलाड़ियों में एक खिलाड़ी को और जोड़ेंगे तो वह मोहम्मद शमी भी हैं क्योंकि वो भी अब अपने आखिरी पड़ाव पर है। विराट कोहली की भी क्रिकेट बहुत ज्यादा समय के लिए अब नहीं बची है तो किस तरीके से उनसे बातचीत होती है किस तरीके से तालमेल बैठाया जाता है यह सब कुछ निर्भर करेगा कि गौतम गंभीर किस तरीके से अपनी बात रखते हैं।


