उप्र के सहारनपुर के सांगाठेड़ा में पत्नी और तीन बच्चों को गोली मारने के बाद आरोपी योगेश रोहिला ने एसएसपी को फोन किया। उसने कहा कि मैंने पत्नी और बच्चों को गोली मार दी है, आकर उठा लो। नहीं तो मैं खुद को भी गोली मार दूंगा। इतना सुनते ही पुलिस अधिकारियों के भी हाथ-पैर फूल गए। पुलिस को डर था कि इतनी बड़ी वारदात करने के बाद जो आरोपी इस तरह फोन कर रहा है, वह कुछ भी कर सकता है। पुलिस पहुंची तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। योगेश की पत्नी नेहा और दोनों बेटे जमीन पर खून से लथपथ हालत में पड़े तड़प रहे थे। बेटी श्रद्धा की मौत हो चुकी थी। आरोपी योगेश हाथ में पिस्टल लेकर बैठा था। किसी तरह पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
बहस हुई और गोली मार दी
पुलिस जांच में सामने आया कि घर में ही योगेश की अपनी पत्नी नेहा से बहस हुई थी, जिसके बाद उसने लाइसेंसी पिस्टल उठाई। नेहा घबराकर पीछे हटी। उसने हाथ जोडक़र कहा कि योगेश क्या कर रहे हो। मुझे मत मारो, बच्चों का ख्याल करो, लेकिन योगेश पर जैसे खून सवार था। उसने नेहा की कनपटी पर गोली मार दी, जिससे वह खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर पड़ी। घर के बाहर परिजन भी मौजूद थे, लेकिन जब तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची तब तक कोई भी उनके पास नहीं जा सका। डर था कि यदि उन्होंने घायलों को उठाने का प्रयास किया तो कभी उन्हें भी गोली न मार दे। बताया जा रहा है कि पिछले करीब दो माह से वह पत्नी को परेशान कर रहा था। नेहा को 108 एंबुलेंस से ही राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
मंत्री जैसे ठाठ-बाट से रहता था योगेश
गांव में योगेश रोहिला ने घर के पास ही कैंप कार्यालय बना रखा था। उसके ठाठ-बाट किसी विधायक, सांसद या मंत्री से कम नहीं थे। कार्यालय के अंदर तमाम बड़े नेताओं के फोटोग्राफ लगे हुए थे। उसने बुलेट और बोलेरो गाड़ी भी ले रखी थी। गाड़ी का ड्राइवर और डायरी लेकर चलने वाला सहायक भी साथ रहता था। उसके पास एक लाइसेंसी रिवाल्वर था। उसी लाइसेंसी रिवाल्वर की दो मैगजीन से उसने अपनी पत्नी और बच्चों को गोलियां मारीं।