भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में टेस्ट फॉर्मेट में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन पर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर ने भी गंभीर की कोचिंग को लेकर गंभीर चिंता जताई है और उनकी असफलता का मुख्य कारण गेंदबाजी में कमजोरी को माना है।
11 टेस्ट मैच खेले, 7 में हार का सामना करना पड़ा
गौतम गंभीर ने पिछले साल टी20 विश्व कप 2024 के बाद राहुल द्रविड़ की जगह हेड कोच का पद संभाला था। शुरुआत में बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप करने के बाद उनकी कोचिंग को लेकर काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, उसके बाद से टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया का ग्राफ लगातार नीचे गिरता गया है। गंभीर की कोचिंग में भारत ने अब तक कुल 11 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से टीम केवल 3 टेस्ट मैच जीत सकी है और 7 में उसे हार का सामना करना पड़ा है, जबकि एक मुकाबला ड्रॉ समाप्त हुआ। यह जीत प्रतिशत (27.27%) बेहद खराब माना जा रहा है।
गेंदबाजी इकाई बदलने की आवश्यकता
मोंटी पनेसर ने कहा है कि गौतम गंभीर में टीम इंडिया को एक अच्छी बल्लेबाजी इकाई बनाने की क्षमता है, लेकिन उन्हें टीम को एक अच्छी गेंदबाजी इकाई में भी बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने विशेष रूप से पहले टेस्ट में भारत की हार का जिक्र करते हुए कहा कि 400 से ज्यादा रन बनाने के बावजूद टीम को हार मिली, जो गंभीर की गेंदबाजी रणनीति पर सवाल उठाता है। पनेसर ने कहा कि गंभीर को यह सोचना होगा कि वह 20 विकेट लेने वाली टीम कैसे चुनें।
घरेलू मैदान पर भी सीरीज गंवानी पड़ी
यह चिंताएं तब और बढ़ गई हैं जब भारत, जो पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के पहले दो फाइनल खेल चुका था, अब गंभीर की कोचिंग में पहली बार उस मुकाम तक पहुंचने में नाकाम रहा है। टीम को न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू मैदान पर भी सीरीज गंवानी पड़ी है। हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ मिली हालिया हार ने गंभीर पर दबाव और बढ़ा दिया है। अब एजबेस्टन में होने वाले दूसरे टेस्ट में गंभीर की रणनीति और टीम का प्रदर्शन काफी अहम होगा, क्योंकि प्रशंसकों और विशेषज्ञों की निगाहें उन पर टिकी हुई हैं।