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    राष्ट्रीय स्तर का समाधान क्यों नहीं निकाला? राहुल गांधी ने उठाया वायु प्रदूषण का मुद्दा

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में देश में बढ़ते वायु प्रदूषण का गंभीर मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण देश के बच्चों का भविष्य खतरे में है और लोग गंभीर बीमारियों से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस राष्ट्रीय संकट से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाने की मांग की।

    बच्चों का भविष्य खतरे में

    राहुल गांधी ने अपनी बात को प्रमुख रूप से स्वास्थ्य संकट पर केंद्रित किया। उन्होंने बताया कि प्रदूषण के कारण बच्चों में फेफड़े और हृदय संबंधी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। बच्चों को स्वच्छ हवा से वंचित किया जा रहा है, जिससे उनका सामान्य विकास बाधित हो रहा है। उन्होंने कहा कि केवल बच्चे ही नहीं, बल्कि वयस्क भी श्वसन तंत्र से संबंधित (Respiratory Ailments) और अन्य जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि इस पर राष्ट्रीय स्तर का समाधान क्यों नहीं निकाला जा रहा है। उन्होंने दिल्ली और देश के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के लगातार ‘खतरनाक’ स्तर पर बने रहने पर चिंता व्यक्त की।

    🏛️ सरकार से व्यापक रणनीति की मांग

    राहुल गांधी ने सरकार से इस समस्या को एक राष्ट्रीय संकट के रूप में देखने और केवल सतही उपायों की बजाय दीर्घकालिक रणनीति बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा राजनीति से ऊपर है और सभी दलों को मिलकर इस पर काम करना चाहिए। उन्होंने फसल जलाने (Parali Burning), औद्योगिक उत्सर्जन और वाहनों के प्रदूषण जैसे प्रमुख स्रोतों पर लगाम लगाने के लिए एक ठोस और प्रभावी कार्ययोजना पेश करने की मांग की। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को और बढ़ाना चाहिए।

    सरकार का जवाब

    सरकार की ओर से जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार प्रदूषण की समस्या के प्रति गंभीर है। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) सहित कई कदम उठाए हैं और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकारों के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया।

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