बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन (Mahagathbandhan) की करारी हार के बाद अब हार के कारणों पर मंथन शुरू हो गया है। इस बार महागठबंधन के नेता हार का ठीकरा सीधे तौर पर EVM पर फोड़ने से बचते दिख रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने हार की एक नई ‘वजह’ बताई है और चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
उदित राज ने उठाया वोटों पर सवाल
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व सांसद उदित राज ने अप्रत्यक्ष रूप से चुनावी प्रक्रिया पर संदेह व्यक्त करते हुए हार की व्याख्या करने की कोशिश की है। उदित राज ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि चुनाव में इतने वोट कहां से आ गए? उन्होंने यह नहीं बताया कि ‘इतने वोट’ किसके पक्ष में गए, लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर अप्रत्याशित चुनावी परिणाम की ओर था। यह बयान इस मायने में खास है कि यह हार का कारण EVM की खराबी या हैकिंग बताने के बजाय, वोटों की संख्या और मतदान के पैटर्न में अप्रत्याशित वृद्धि को बता रहा है।
हाई-प्रोफाइल प्रचार बनाम परिणाम
महागठबंधन ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में जबरदस्त चुनाव प्रचार किया था, जिसमें नौकरियों, महंगाई और किसान मुद्दों को जोर-शोर से उठाया गया था। हालांकि, परिणाम में एनडीए को मिली प्रचंड जीत ने महागठबंधन के सभी प्रयासों पर पानी फेर दिया।
- नेताओं ने माना कि तेजस्वी की रैलियों में भारी भीड़ जुटी थी, जिसके बाद उन्हें जीत की उम्मीद थी।
- लेकिन अंतिम परिणाम ने उन सभी उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया और अब पार्टी के अंदरूनी सर्कल में हार के ‘वास्तविक’ कारणों की तलाश शुरू हो गई है।
- उदित राज का यह बयान साफ संकेत देता है कि महागठबंधन के नेता जनादेश को स्वीकार करने के साथ ही, परिणाम के पीछे की प्रक्रिया पर गहरे संदेह व्यक्त कर रहे हैं।


