भारतीय जनता पार्टी (BJP) में जल्द ही अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा होने की अटकलें तेज हो गई हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि हाल के दिनों में पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच संसद भवन और अन्य स्थानों पर लगातार बैठकें हुई हैं। वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 2024 में ही समाप्त हो गया था, जिसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव के कारण विस्तार दिया गया था।
संसद भवन में लगातार मंथन
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने बुधवार को संसद भवन स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में गहन मंत्रणा की।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, वर्तमान पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष की मुलाकात हुई।
- बीएल संतोष की उपस्थिति को एक बड़ा संकेत माना जा रहा है, क्योंकि संगठन महासचिव की भूमिका अध्यक्ष के चुनाव में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
सूत्रों के मुताबिक, इन बैठकों का मुख्य एजेंडा नए पार्टी अध्यक्ष के चयन पर अंतिम मुहर लगाना हो सकता है।
अध्यक्ष पद के लिए संभावित उम्मीदवार
बीजेपी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में कई वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं के नाम चर्चा में हैं। इन नामों पर केंद्रीय नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) दोनों के बीच तालमेल बिठाने की कवायद चल रही है। संभावित नामों में प्रमुख हैं:
- धर्मेंद्र प्रधान: अनुभवी नेता, जिन्हें संगठन और सरकार दोनों का अनुभव है।
- शिवराज सिंह चौहान: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बड़े जननेता।
- भूपेंद्र यादव: ओबीसी समुदाय से आने वाले और संगठन का लंबा अनुभव रखने वाले नेता।
- निर्मला सीतारमण: देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री।
- मनोहर लाल खट्टर: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री।
जल्द घोषणा के संकेत
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि इन लगातार हो रही बैठकों से यह संकेत मिलता है कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा किसी भी समय हो सकती है। पार्टी को अपने संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करने और कम से कम 50% राज्य इकाइयों को अपने अध्यक्ष चुनने की आवश्यकता होती है, जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है।
इसके अलावा, इन बैठकों में उत्तर प्रदेश के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर भी अंतिम फैसला लेने पर विचार किया गया, जहां लोकसभा चुनाव में पार्टी को उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिले थे।
यदि अध्यक्ष पद पर फैसला इस दिसंबर के मध्य तक नहीं हो पाता है, तो संभव है कि यह घोषणा मध्य जनवरी तक टल जाए। हालांकि, शीर्ष नेताओं की सक्रियता से जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है।


